(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Pakistani On PM Modi: आखिर क्यों इस पाकिस्तानी ने PM नरेंद्र मोदी की तुलना नेल्सन मंडेला से की, जानें इसके पीछे की वजह
Pakistan: पाकिस्तानी शख्स ने चंद्रयान-3 को लेकर भारत के प्लान के बारे में बात करते हुए कहा कि बेशक भारत चंद्रयान-3 मिशन के बदौलत जुटाई जाने वाली हर जानकारी दुनिया के साथ शेयर करेगा.
Pakistani On PM Modi: पाकिस्तान के लोग चंद्रयान-3 मिशन की कामयाबी के बाद से ही भारत के मुरीद हो चुके हैं. उनका मानना है कि इस कामयाबी के पीछे मोदी सरकार का हाथ है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वो इसका श्रेय देते हैं. हाल ही में जब एक पाकिस्तानी यूट्यूबर ने आवाम से चंद्रयान-3 की सफलता पर सवाल किया तो एक शख्स ने इसके लिए पीएम मोदी को श्रेय दिया.
पाकिस्तानी शख्स ने कहा कि आज जिस तरह का मुकाम पीएम मोदी हासिल कर चुके हैं, वो दक्षिण अफ्रीका के महान नेता नेल्सन मंडेला से कम नहीं है. इसके बाद उन्होंने इसके पीछे की वजह बताई कि नेल्सन मंडेला ने सिर्फ गोरे-काले को लेकर काम किया, लेकिन पीएम मोदी भारत में हर तरह के जाति-धर्म के लोगों के लिए काम कर रहे हैं.
भारत चांद की जानकारी करेगा शेयर
पाकिस्तानी शख्स ने चंद्रयान-3 को लेकर भारत के प्लान के बारे में बात करते हुए कहा कि बेशक भारत चंद्रयान-3 मिशन के बदौलत जुटाई जाने वाली हर जानकारी दुनिया के साथ शेयर करेगा. इसका सबूत देख भी सकते हैं कि उन्होंने सबसे पहले चांद की सतह के तापमान के बारे में जानकारी दी. भारत एक ग्लोबल पावर है, जिसकी वजह से उसकी ये जिम्मेदारी भी बनती है कि वो दुनिया को हर तरह के जानकारी साझा करें.
आपको बता दें कि चंद्रयान-3 ने तापमान को लेकर जानकारी दी है कि यहां सतह की तापमान 70 डिग्री सेल्सियस है. इसी बीच पाकिस्तानी शख्स ने कहा कि पाकिस्तान की हुक्मरान भारत से और मोदी से इसलिए चिढ़ती है क्योंकि उन्हें लगता है कि मोदी की वजह से भारत इतनी तरक्की कैसे हासिल कर रहा है.
ISRO को मिली फंडिंग
पाकिस्तानी शख्स ने कहा कि आज के वक्त में अमेरिका का नासा भी भारत की सफलता पर बधाई दे रहा है. यहां तक की चीन भारत से चंद्रयान-3 से जुड़ी जानकारी मांग रहा है. ये सब पीएम मोदी के कामों की बदौलत हुआ है.
उन्होंने सबको एक पटरी पर लाकर खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता के बाद ISRO को बहुत ज्यादा फंडिंग मिल चुकी है. दुनिया के कई देशों के स्पेस एजेंसियों ने फंडिंग दी है.