Viral Video: 'तुर्की की फौज हमारे साथ मिलेगी तो हम दिल्ली में जाकर अपना झंडा लगाएंगे', पाकिस्तानी शख्स का दावा
Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान दुनिया भर के देशों के सामने मदद के लिए गिड़गिड़ा रहा है. लेकिन भारत की राजधानी दिल्ली में वहां के लोग झंडा फहराने के सपने देख रहे हैं.
Pakistan: आर्थिक बदहाली और कंगाली से जूझ रहा पाकिस्तान आये दिन भारत की बराबरी का राग अलापता रहता है. भारत एक तरफ जहां चांद पर पांव जमा चुका है, वहीं, पाकिस्तान दुनिया भर के देशों के सामने मदद के लिए गिड़गिड़ा रहा है. हालांकि यह वायरल वीडियो देखने के बाद आप भी यही कहेंगे कि पाकिस्तान के लोगों की अक्ल अभी भी ठिकाने नहीं आई है.
दरअसल, रियल इंटरटेन्मेंट यूट्यूब चैनल पर एक पाकिस्तानी शख्स कहता है कि पूरे दुनिया के मुसलमानों को एक झंडे के नीचे रहना चाहिए. अगर मुसलमान एक झंडे के नीचे आ जाते हैं तो किसी की जुर्रत नहीं होगी कि हमारी ओर आंख उठाकर देख सके. इतना ही नहीं, पाकिस्तानी शख्स आगे कहता है कि एक दिन ऐसा आएगा, जब तुर्किए की फौज हमारे साथ मिलेगी और हम दिल्ली में जाकर अपना झंडा फहराएंगे.
इस्लामिक करेंसी होनी चाहिए
आगे पाकिस्तानी शख्स कहता है कि दुनिया में सिर्फ इस्लामिक करेंसी होनी चाहिए. डॉलर अस्तित्व में ही नहीं होना चाहिए. अगर ऐसा होता तो आज पाकिस्तान को भीख मांगने की नौबत नहीं आती. एक पाकिस्तानी युवक कहता है कि कश्मीर को सिर्फ इमरान खान आजाद करा सकते हैं. खान ने हमेशा कश्मीर की बात है लेकिन किसी और नेता ने तो कश्मीर को लेकर कोई बात ही नहीं की.
नवाज शरीफ भी दिखा चुके हैं अपने देश को आइना
बता दें कि अभी पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने ही अपंने देश को आईना दिखाते हुए कहा है कि 'उनका देश, दुनिया से पैसा मांग रहा है, जबकि भारत चांद पर पहुंच गया है. पाकिस्तान कंगाल होने की कगार पर हैं. जबकि भारत के पास आज खजाने में 600 अरब डॉलर हैं. हिन्दुस्तान जी20 की मेजबानी कर रहा है, लेकिन पाकिस्तान 1-1 अरब डॉलर चीन और अरब देशों सहित दुनियाभर से मांग रहा है.
डिफॉल्ट होने की कगार पर था पाकिस्तान
गौरतलब है कि अभी बीते महीने पाकिस्तान डिफॉल्ट होने की कगार पर खड़ा था. लेकिन, जब अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से बेलआउट पैकेज मिला तो पड़ोसी देश ने राहत की सांस ली. बीते दिनों हालात ये हो गए थे कि लोग फ्री की राशन के लिए लूट मचा रहे थे. जनता बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए तरस रही थी.