Pakistan:'कश्मीर हमारा नहीं है...', पूरे पाकिस्तान में इस शख्स का वीडियो वायरल, आप भी देखें
India-Pakistan: पाकिस्तानी शख्स ने कि अगर कश्मीर का बॉर्डर खोल दिया जाए तो कश्मीर का एक भी शख्स पाकिस्तान नहीं आएगा, क्योंकि आज कश्मीर में खुशहाली है.
India-Pakistan: पाकिस्तान अपने देश को बेहतर बनाने की बजाय लगातार कश्मीर में झांकने का प्रयास करता है. हाल ही में एक बार फिर पाकिस्तान ने यूनाइटेड नेशन में कश्मीर का मुद्दा उठाया और ह्यूमन राइट्स के हनन की बात कही, इसपर तुर्की ने भी टिप्पणी की. दूसरी तरफ भारत ने तुर्की से साफ लफ्जों में कहा कि 'किसी भी देश को हमारे इंटरनल मैटर में दखल देने की जरूरत नहीं है, हमें कश्मीर के लिए जो करना चाहिए हम कर रहे हैं.' इस मुद्दे पर पाकिस्तान की आवाम भारत के साथ खड़ी नजर आ रही है.
पाकिस्तान के प्रसिद्द यूट्यूबर शोएब चौधरी ने पाकिस्तान की जनता से भारत-पाकिस्तान और कश्मीर के मुद्दे पर सवाल किए. इस दौरान पाकिस्तान की जनता ने जो कहा, उसे आपको जरूर सुनना चाहिए. पाकिस्तान के एक शख्स ने कि अगर कश्मीर का बॉर्डर खोल दिया जाए तो कश्मीर का एक भी शख्स पाकिस्तान नहीं आएगा, क्योंकि आज कश्मीर में खुशहाली है. वहीं पाकिस्तान में छोटे-छोटे घरों में 25 हजार से लेकर 40 हजार तक बिजली के बिल आ रहे हैं. पाकिस्तान की जनता महंगाई के से तंग है, आईएमएफ से कर्ज लेने पर भी सवाल उठा.
कश्मीर का मुद्दा सिर्फ वोट लेने तक
एक दूसरे 50 साल के व्यक्ति कने कहा कि 'कश्मीर हमारा है ही नहीं, हमारा होता तो हमारे पास होता.' पाकिस्तानी शख्स ने पीओके का भी मुद्दा उठाया, उसने कहा कि भारत के कश्मीर से पहले पीओके में काम करने की जरूरत है. पीओके तो छोड़िए पाकिस्तान की हालत एकदम खराब है.'पाकिस्तान में नेता कश्मीर के मुद्दे पर सिर्फ वोट लेने का काम करते हैं.' वोट लेने के बाद कश्मीर को भूल जाते हैं, क्योंकि सभी को अपना पेट भरना है. किसी भी नेता को पाकिस्तान की खुशहाली से कोई मतलब नहीं है.
एक-दूसरे की टांग खींचने में लगे हैं नेता
इस दौरान पाकिस्तान में शहबाज शरीब की बनी नई सरकार की भी चर्चा हुई. लोगों ने कहा कि पाकिस्तान के नेता एक दूसरे की टांग खींच रहे हैं. आईएमएफ से लोन न देने को लेकर इमरान खान ने लेटर लिखा है. इसी तरह का काम देश के नेता कर रहे हैं. इनको पाकिस्तान की आवाम से कोई मतलब नहीं है. पाकिस्तान का हर गरीब आज परेशान है. दिन का 500 से 700 कमाई है, जो बिजली का बिल देने भर का भी नहीं है. बच्चों की पढ़ाई, भोजन-कपड़ा के लिए लोगों के पास पैसे नही हैं.
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