इस्लामाबादः भारत से शांति की बातचीत का दावा करने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की बदनीयती उजागर हो गई है. पाकिस्तानी सरकार के मंत्री नूर-उल-हक कादरी ने मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद के साथ एक मंच साझा किया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी द्वारा आतंकवाद पर अपने देश का रुख व्यक्त किये जाने के कुछ घंटे बाद पाक प्रधानमंत्री इमरान खान की कैबिनेट के एक मंत्री ने इस्लामाबाद में एक कार्यक्रम में 26/11 हमले के साजिशकर्ता हाफिज सईद के साथ मंच साझा किया.


खबरों के मुताबिक धार्मिक मामलों और अंतर-धार्मिक सौहार्द मामलों के मंत्री नूर उल हक कादरी को एक कार्यक्रम में सईद के साथ बैठे देखा गया जहां रविवार को दिफा-ए-पाकिस्तान काउंसिल द्वारा आयोजित सर्वदलीय सम्मेलन को उसने संबोधित किया. कार्यक्रम में एक बैनर पर लिखा था कि सम्मेलन ‘पाकिस्तान की रक्षा’ के लिए है और इसमें ‘कश्मीर’ और ‘भारत से खतरों’ शब्द का भी उल्लेख था.


दिफा-ए-पाकिस्तान काउंसिल 40 से ज्यादा पाकिस्तानी राजनीतिक और धार्मिक पार्टियों का गठबंधन है जो संरक्षणवादी नीतियों की वकालत करते हैं. इस कार्यक्रम में हाफिज सईद के साथ कादरी की मौजूदगी भारत के इस रुख की पुष्टि करती है कि अगस्त में प्रधानमंत्री इमरान खान के कामकाज संभालने के बाद भी आतंकवाद को लेकर इस्लामाबाद के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है.


विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में शनिवार को अपने भाषण में कहा था कि राजकीय नीति के औजार के तौर पर आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की प्रतिबद्धता में रत्ती भर भी बदलाव नहीं हुआ है.


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