न्यूयॉर्क: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आखिरकार मान लिया कि उन्हें कश्मीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का साथ नहीं मिला. जम्मू-कश्मीर से मोदी सरकार ने इसी साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाया था और सूबे को दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया था. जिसके बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. तब से अब तक इमरान खान हर मंच पर कश्मीर मुद्दा उठाने की असफल कोशिश कर चुके हैं. दुनिया के ज्यादातर देशों ने कहा कि अनुच्छेद 370 भारत का आंतरिक मसला है.


न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में शामिल होने पहुंचे इमरान खान ने कश्मीर पर समर्थन नहीं मिलने पर खीझ निकाली. उन्होंने कहा, ''मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से निराश हूं. यदि आठ मिलियन यूरोपीय या यहूदियों या आठ मिलियन अमेरिकियों को घेराबंदी में रखा गया होता, तो क्या यही प्रतिक्रिया होती? मोदी पर घेराबंदी को हटाने के लिए अभी तक कोई दबाव नहीं है. हम दबाव डालते रहेंगे... 9,00,000 सैनिक वहां क्या कर रहे हैं? एक बार कर्फ्यू हटा लेने के बाद, गॉड जानता है कि उसके बाद क्या होने वाला है...आपको लगता है कि कश्मीरी चुपचाप स्वीकार कर लेंगे?"


आपको बता दें कि कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अमेरिका के सात दिनों के दौरे पर हैं. मोदी और इमरान खान दोनों अलग-अलग अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात कर चुके हैं. इमरान खान और पीएम मोदी के साथ ट्रंप ने कश्मीर समेत कई मुद्दों पर बात की.


ट्रंप ने मंगलवार को भारत और पाकिस्तान के बीच किसी तरह की मध्यस्थता से दूरी बनाते हुए कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान कश्मीर पर ‘‘कोई हल निकाल सकें तो यह अच्छा होगा.’’


प्रेस कॉन्फ्रेंस में इमरान ने कश्मीर पर रोना रोया, भारत को फिर दी न्यूक्लियर वॉर की गीदड़भभकी


ट्रंप ने पीएम मोदी के साथ मुलाकात के बाद कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री खान जब एक-दूसरे को अच्छी तरह जान जाएंगे तो मुलाकात करेंगे. मुझे लगता है कि मुलाकात से बहुत सारी अच्छी चीजें निकलकर आएंगी. यह अच्छा होगा अगर वे कश्मीर पर कोई हल निकाल सकें.’’


इससे एक दिन पहले ट्रंप ने इमरान खान से मुलाकात की थी और कहा था कि अगर भारत और पाकिस्तान राजी हों तो वह कश्मीर मुद्दे पर दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कर सकते हैं. भारत का रुख रहा है कि कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा है और किसी तीसरे पक्ष की इसमें कोई भूमिका नहीं है.


पाकिस्तानी सरजमीं से पैदा हो रहे आतंकवाद और आतंकवादी समूहों से पाकिस्तानी सेना के संबंधों के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी इसे संभाल लेंगे.’’