Pakistan PM Over Peshawar Attack: पाकिस्तान (Pakistan) में एक के बाद एक हो रहे आतंकी हमलों के बीच प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) ने शुक्रवार (3 फरवरी) को पेशावर में हुए बम धमाके को रोकने में नाकामी की बात स्वीकार की और इस खतरे से निपटने के लिए राष्ट्रीय एकता का आह्वान किया. पेशावर में मस्जिद में नमाज के वक्त हुए आत्मघाती विस्फोट में 100 से अधिक लोग मारे गए थे.


मस्जिद पर हुए हमले और पाकिस्तान में आतंकवाद की उभरती स्थिति पर गवर्नर हाउस में एक शीर्ष समिति की बैठक को संबोधित करते हुए शरीफ ने आतंकवादी हमलों के मद्देनजर विपक्षी दलों की ओर से संघीय सरकार के खिलाफ की गई आलोचना पर भी निराशा व्यक्त की.


एकजुटता की जरूरत


डॉन अखबार ने पीएम शहबाज शरीफ के हवाले से कहा, "राजनीतिक दलों में एकजुटता की जरूरत है. आतंकवाद का यह काम सुरक्षा जांच चौकी को भेदते हुए मस्जिद तक पहुंच कर अंजाम दिया गया. हमें तथ्यों को स्वीकार करने में संकोच नहीं करना चाहिए."


पेशावर मस्जिद में सोमवार (30 जनवरी) को तालिबान के एक आत्मघाती हमलावर ने दोपहर की नमाज के दौरान विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया. इसमें 101 लोग मारे गए और 200 से अधिक घायल हो गए थे.


पेशावर आतंकी हमला


पुलिस ने गुरुवार (2 फरवरी) को कहा कि हमलावर ने हाई लेवल वाले एरिया में घुसने के लिए पुलिस की वर्दी पहन रखी थी और वह हेलमेट और मास्क लगाकर मोटरसाइकिल चला रहा था. पाकिस्तान में हाल में आतंकवाद से जुड़े कई मामले देखने को मिले हैं, जिनमें से अधिकतर देश के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में अंजाम दिए गए.


हालांकि बलूचिस्तान और अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से लगने वाले पंजाब के मियांवाली शहर में भी आतंकी हमले देखने को मिले हैं. मस्जिद हमले में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति सहानुभूति जताते हुए शरीफ ने कहा कि यह पूछा जा रहा था कि यह आतंकी कृत्य कैसे हुआ जबकि कुछ साल पहले आतंकवाद को खत्म किया जा चुका है.


कई वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भाग लिया


पाकिस्तान की खबरों के हवाले से पीएम शहबाज शरीफ को ये कहते हुए पाया गया कि इस घटना के मद्देनजर सोशल मीडिया पर अनुचित आलोचना देखी गई. यह निश्चय ही निंदनीय है. सुरक्षा चूक के कारण घटना घटित होने की जांच की जाएगी. लेकिन यह कहना कि यह एक ड्रोन हमला था और इसी तरह के आरोप इस दुखद समय में अनावश्यक थे.


वहीं शुक्रवार (3 फरवरी) की बैठक में पाक सरकार के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भाग लिया, जिसमें सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर, चार प्रांतों और गिलगित-बाल्टिस्तान के मुख्यमंत्री, संघीय मंत्री और नेता शामिल थे. पीएम शरीफ ने कहा कि पूरा पाकिस्तान इस बारे में सोच रहा है कि भविष्य में इस खतरे से कैसे निपटा जाएगा.


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