Pakistani PM UNGA Speech: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार, 27 सितंबर को न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र को संबोधित किया. इस दौरान शहबाज शरीफ हमेशा की तरह कश्मीर राग आलापने लगे. भारत के खिलाफ बयानबाजी में वे इतने खो गए कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी आंतकी बुरहान वानी के नाम लेने में कोई हिचक नहीं हुई. 


पीएम शहबाज ने कहा, "कश्मीरी लोग उस झूठी भारतीय पहचान को अस्वीकार करने में दृढ़ हैं जिसे नई दिल्ली उन पर थोपना चाहती है. कब्जे वाले कश्मीर में भारत की क्रूर जबरदस्ती और दमन की नीति ने यह सुनिश्चित किया है कि बुरहान वानी की विरासत लाखों कश्मीरियों के संघर्ष और बलिदान को प्रेरित करती रहेगी."


10 पॉइंट्स में जानें क्या पाकिस्तानी पीएम ने क्या कहा?


पाकिस्तानी पीएम ने कहा:- 







  • फिलिस्तीन जैसे, जम्मू और कश्मीर के लोग भी अपनी आजादी और आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए एक सदी तक संघर्ष करते रहे हैं. (कश्मीर की तुलना फिलिस्तीन से की)

  • शांति की दिशा में आगे बढ़ने के बजाय, भारत जम्मू और कश्मीर पर सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को लागू करने की प्रतिबद्धताओं से पीछे हट गया है.

  • 5 अगस्त 2019 से, भारत ने जम्मू और कश्मीर के लिए अपने नेताओं द्वारा कहे जा रहे "अंतिम समाधान" को थोपने के लिए एकतरफा अवैध कदम उठाए हैं. (370 का जिक्र)

  • दिन-रात, नौ लाख भारतीय सैनिक जम्मू और कश्मीर के लोगों को आतंकित कर रहे हैं, कठोर उपायों के साथ, जिसमें लंबे समय तक कर्फ्यू, एक्स्ट्रा जुडिशल हत्याएं और हजारों युवा कश्मीरियों का अपहरण शामिल है. 

  • भारत कश्मीरियों की जमीन और संपत्ति जब्त कर रहा है, और बाहरी लोगों को कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर में बसाना, मुस्लिम बहुसंख्यकों को अल्पसंख्यक में बदलना. यह घिसी-पिटी रणनीति सभी कब्जे वाली शक्तियों द्वारा अपनाई जाती है, लेकिन यह हमेशा विफल रही है. जम्मू और कश्मीर में भी, यह विफल होगा

  • कश्मीरी लोग उस झूठी भारतीय पहचान को अस्वीकार करने में दृढ़ हैं जिसे नई दिल्ली उन पर थोपना चाहती है. कब्जे वाले कश्मीर में भारत की क्रूर जबरदस्ती और दमन की नीति ने यह सुनिश्चित किया है कि बुरहान वानी की विरासत लाखों कश्मीरियों के संघर्ष और बलिदान को प्रेरित करती रहेगी

  • इससे भी अधिक चिंता की बात यह है कि भारत अपनी सैन्य क्षमताओं के बड़े पैमाने पर विस्तार में लगा हुआ है, जो अनिवार्य रूप से पाकिस्तान के खिलाफ तैनात हैं. इसके युद्ध सिद्धांतों में एक आश्चर्यजनक हमला और "परमाणु खतरे के तहत सीमित युद्ध" की परिकल्पना की गई है (भारत अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है)

  • भारत ने बिना सोचे-समझे पाकिस्तान के आपसी “रणनीतिक संयम व्यवस्था” के प्रस्तावों को ठुकरा दिया है. 

  • इसके नेतृत्व ने अक्सर नियंत्रण रेखा पार करने और आज़ाद कश्मीर पर “कब्ज़ा” करने की धमकी दी है. मैं स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूँ कि पाकिस्तान किसी भी भारतीय आक्रमण का सबसे निर्णायक तरीके से जवाब देगा (PoK को वापस लेना)

  • स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए, भारत को 5 अगस्त 2019 से उठाए गए एकतरफा और अवैध कदमों को वापस लेना होगा और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के अनुसार जम्मू और कश्मीर विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत करनी होगी. 






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