Pakistan News: 'पाकिस्तान हमारी पहचान और संस्कृति को नष्ट करता है लेकिन भारत इसे बढ़ावा देता है', पाक प्रोफेसर का छलका दर्द
Pakistani Professor Tweet: पाकिस्तानी प्रोफेसर ने लद्दाख एयरपोर्ट पर लगे साइन बोर्ड की तस्वीर को ट्वीट करते हुए पाकिस्तान सरकार से सवाल पूछा है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि यह लद्दाख का लेह एयरपोर्ट है.
Pakistan: आर्थिक कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तानी अक्सर अपनी तुलना भारत से करने की कोशिश करते हैं. हालांकि ये बात वो खुद जानते हैं कि पाकिस्तान भारत के सामने किसी मामले में भी टिक नहीं पाएगा. यही वजह से है कि पाकिस्तान की जनता अपनी सरकार को अक्सर कोसती रहती है. अब एक पाकिस्तानी प्रोफेसर ने भारत की तारीफ करते हुए पाकिस्तान सरकार पर निशाना साधा है.
दरअसल, पाकिस्तानी प्रोफेसर एमएस रजा ने लद्दाख एयरपोर्ट पर लगे साइन बोर्ड की तस्वीर को ट्वीट करते हुए पाकिस्तान सरकार से सवाल पूछा है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि यह लद्दाख का लेह एयरपोर्ट है. क्या आप जानते हैं इस तस्वीर में क्या है खास? स्थानीय भाषा, इस हवाई अड्डे के बोर्ड के ऊपर लद्दाख की स्थानीय भाषा लिखी हुई है. पहचान और मान्यता का यही अर्थ है.
काश पाकिस्तान में भी ऐसा होता
उन्होंने दुःख जाहिर करते हुए कहा है कि काश पाकिस्तान में भी ऐसा होता, स्थानीय भाषा को भी जगह दी जाती. लेकिन यहां ऐसा देखने को नहीं मिलता है. उन्होंने इस साइनबोर्ड को पाकिस्तान के क्षेत्रीय अलगाववाद से जोड़ा है. रजा नेशनल इक्वेलिटी पार्टी गिलगित बाल्टिस्तान एंड लद्दाख के चेयरमैन हैं.
पंजाबी पहचान और संस्कृति हावी हो रही है: पाक प्रोफेसर
प्रोफ़ेसर ने अपने ट्वीट में लिखा है कि हमें गिलगित, बाल्टिस्तान या पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में कहीं भी किसी भी बोर्ड पर एक भी शब्द नहीं लिखा हुआ मिला. गिलगिट बाल्टिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में हमारी पहचान, संस्कृति और मान्यता से जुड़ी हर चीज नष्ट हो रही है और पंजाबी पहचान और संस्कृति हावी हो रही है.
अपने लम्बे ट्वीट में प्रोफेसर एमएस रजा ने लिखा है कि मियां मुहम्मद बख्श मीरपुर के एक प्रसिद्ध कवि हैं, उन्होंने डोगरी भाषा में अपनी अद्भुत काव्य पुस्तक सैफुल मलूक लिखी, लेकिन पाकिस्तानी मियां मुहम्मद बख्श और उनके काम को पंजाबी कविता और पंजाब के कवि के रूप में पेश करते हैं.
उन्होंने आगे लिखा है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के प्रति भारतीय और पाकिस्तानी दृष्टिकोण के बीच अंतर को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. पाकिस्तान हमेशा हमारी पहचान और संस्कृति को नष्ट करने में लगा रहता है जबकि भारत हमारे अस्तित्व, हमारी संस्कृति और हमारी पहचान की रक्षा करता है और इसे बढ़ावा देता है.