Dollar Vs Pakistani Rupee: और नीचे गिरा पाकिस्तानी रुपया, अब 1 डॉलर के मुकाबले इतने पर पहुंचा
Pakistan News: पाक हुकूमत चाहती है कि उसे संकट से उबारने के लिए आर्थिक मदद मिले. इसके लिए पाकिस्तानी पीएम ने सउदी अरब, यूएई, चीन और अमेरिका से गुहार लगाई. हालांकि, अभी कहीं से कर्ज नहीं मिला.
Pakistani Rupee Falling: आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान की करेंसी (Pakistani Currency) भी बेदम-सी हो गई है. पाकिस्तान का रुपया (Pakistani Rupee) लुढ़कते-लुढ़कते और नीचे गिर गया है. अब पाकिस्तानी रुपये की कीमत एक डॉलर (Dollar) के मुकाबले 283 तक जा पहुंची है. यानी कि 1 डॉलर की बराबरी करने के लिए 283 पाकिस्तानी रुपये रखने होंगे. वहीं, फिलहाल भारतीय रुपये की वैल्यू ₹82.14 प्रति डॉलर की है.
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान की ओर से शुक्रवार सुबह कहा गया था कि इंटरबैंक मार्केट में पाकिस्तानी करेंसी 276.58 रुपये प्रति डॉलर के निचले स्तर पर बंद हुई. यह रिकॉर्ड निचले स्तर पर चली गई. शुक्रवार शाम को इसमें और गिरावट आई और 1 डॉलर की कीमत 283 पाकिस्तानी रुपये के बराबर हो गई.
लगातार गिर रहा पाकिस्तानी रुपया
इससे एक दिन पहले 1 डॉलर की कीमत पाकिस्तान के 271.36 रुपये के बराबर आंकी गई थी. गुरुवार को उसमें 1.89% की गिरावट आई और वहां का रुपया 5.22 रुपये के नुकसान पर बंद हुआ. पाकिस्तान के एक प्रमुख अखबार द डॉन की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. उसकी रिपोर्ट में कहा गया कि जब सरकार ने इस्लामाबाद में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) के प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत की, उस मर्तबा भी पाकिस्तानी करेंसी की वैल्यू कम हो रही थी.
IMF से मिलेगी 1.2 बिलियन डॉलर की किश्त?
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान को 7 बिलियन डॉलर के लोन की नौवीं समीक्षा को अंतिम रूप देने के लिए पाकिस्तान आया हुआ है. यदि यह समीक्षा सफल रही, तो यह पाकिस्तान के लिए 1.2 बिलियन डॉलर की किश्त मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा. उधर, प्राइस कैप को हटाने का फैसला सरकार ने तब लिया, जब विदेशी कर्ज चुकाने और बढ़ती महंगाई से जूझने के कारण देश की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई.
विदेशी मुद्रा भंडार 3.09 बिलियन डॉलर
इसके अलावा, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी कम हो रहा है, यहां अब 3.09 बिलियन डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है, जिससे पाकिस्तान केवल 18 दिनों के आयात को कवर कर सकता है और संभावित डिफ़ॉल्ट को दूर करने के लिए उसे IMF के बेलआउट के तहत अगली किश्त रिलीज कराने की बेहद जरूरत है.
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