Pakistan: हिजाब पर भारत को ज्ञान देने वाले पाकिस्तान को वहीं की महिला सांसद ने दिखाया आईना
Pakistan on Women's Day : पाकिस्तान की एक महिला सांसद ने सरकार और उसके केंद्रीय मंत्री पर सवाल उठाया है. सांसद ने कहा है कि पाकिस्तान भारत को ज्ञान दे रहा है, जबकि यहां महिलाओं के हक छीने जा रहे हैं.
Pakistan on Hijab : भारत में चल रहे हिजाब विवाद में घुसे पाकिस्तान सरकार और उसके केंद्रीय मंत्री को वहीं की एक महिला सांसद ने आईना दिखाया है. महिला सांसद ने सवाल उठाते हुए कहा है कि हम एक तरफ हिजाब को लेकर भारत के मामलों में दखल दे रहे हैं, जबकि यहां महिलाओं की रैली निकालने पर प्रतिबंध की बात कही जा रही है.
क्यों लिखा महिला सांसद ने पत्र
दरअसल, पिछले दिनों पाकिस्तान में धार्मिक और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नूरुल हक कादरी ने इमरान खान को लेटर लिखकर देश में 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर होने वाले औरत मार्च पर रोक लगाने की मांग की थी. मंत्री ने इस मार्च को रोक कर इसकी जगह उसी दिन अंतर्राष्ट्रीय हिजाब दिवस मनाने की बात कही थी.
Religious Affairs Minister has written a letter to the PM asking for an “Int’l hijab day” instead of Aurat March on Int’l Women’s Day. How is the right to wear a hijab under threat in Pakistan? Quite the opposite.He can celebrate hijab any day; one doesn’t exclude the other. pic.twitter.com/th8wq4mkZt
— SenatorSherryRehman (@sherryrehman) February 17, 2022
सरकार और मंत्री को लताड़ा
इस पत्र के बाद पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की महिला सांसद शेरी रहमान ने इस मामले में कूद गईं. उन्होंने लिखा कि, एक केंद्रीय मंत्री का 8 मार्च को महिलाओं के मार्च पर प्रतिबंध के लिए लिखना चिंता का विषय है. 8 मार्च को अंतर्ऱाष्ट्रीय महिला दिवस है. महिलाओं के मार्च पर प्रतिबंध लगाकर आफ क्या साबित करना चाहते हैं. सांसद ने ये भी कहा कि महिलाओं को हिजाब दिवस मनाने से कोई रोक नहीं रहा. एक तरफ तो हम हिजाब पर महिलाओं के हक की बात कहकर भारत की आलोचना कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ अपने देश में महिलाओं की रैली का विरोध कर रहे हैं. यह भी महिलाओं की स्वतंत्रता औऱ अधिकारों का हनन है. वह कहती हैं कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर वर्ग की महिला का नेतृत्व करता है. इसका मकसद सोसायटी में जेंडर की रूढियों को खत्म करना और महिलाओं में जागरूकता लाना है. इस पर रोक लगाना उनके अधिकारों को छीनना है.
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