Khwaja Moinuddin Chishti: 813वें उर्स मुबारक के अवसर पर अजमेर शरीफ में देशभर से जायरीन आ रहे हैं. पाकिस्तान से भी 89 जायरीन इस विशेष मौके पर हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की मजार पर चादर चढ़ाने पहुंचे. इस आयोजन में पाकिस्तान से आए जायरीनों ने धार्मिक आस्था और समृद्धि के लिए दुआ की.


पाकिस्तानी उच्चायोग के एक अधिकारी के साथ जायरीनों का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार (8 जनवरी) को अजमेर शरीफ पहुंचा और उन्होंने सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की मजार पर पारंपरिक चादर चढ़ाई. इस दौरान पाकिस्तान उच्चायोग के सेकंड सेक्रेटरी तारिक मसरूफ भी उनके साथ थे. इस प्रतिनिधिमंडल ने भारत-पाकिस्तान के बीच धार्मिक यात्रा के प्रोटोकॉल के तहत अजमेर शरीफ के उर्स मुबारक में शिरकत की.


पाकिस्तानी जायरीनों ने दुआ के साथ किया स्वागत


उर्स के इस धार्मिक अवसर पर पाकिस्तान के जायरीनों का स्वागत अंजुमन मोइनिया फखरिया चिश्तिया खुद्दाम ख्वाजा साहब के सदस्यों ने किया. प्रतिनिधिमंडल ने न केवल ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की मजार पर चादर चढ़ाई बल्कि पाकिस्तान की प्रगति और समृद्धि के लिए भी दुआ की. एक पाकिस्तानी जायरीन ने कहा कि हिंदुस्तान और पाकिस्तान में कोई फर्क नहीं है बस बीच में एक बाड़ है बाकी सब एक जैसा है. हमें यहां आकर लग ही नहीं रहा कि हम हिंदुस्तान में हैं उनका मानना है कि अगर दोनों देशों के लोग एक-दूसरे के साथ प्यार और मोहब्बत बनाए रखें तो एकता संभव है.


भारत-पाकिस्तान धार्मिक संबंधों का प्रतीक


उर्स मुबारक के इस मौके पर पाकिस्तान से आए जायरीनों ने भारत-पाकिस्तान के बीच धार्मिक यात्रा के प्रोटोकॉल को लेकर भी आभार व्यक्त किया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आगे भी इसी तरह वीजा मिलते रहने की उम्मीद जताई. उनके अनुसार धार्मिक आस्था और भाईचारे का ये सफर दोनों देशों के बीच बेहतर रिश्तों का प्रतीक है. ये आयोजन भारतीय और पाकिस्तानी समुदाय के बीच दोस्ती और भाईचारे को बढ़ावा देने का एक अहम उदाहरण माना जा रहा है.


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