जरदारी के वकील फारूक एच नाइक की तरफ से उन्हें बरी करने के अनुरोध को राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के न्यायमूर्ति खालिद मोहम्मद रांझा ने स्वीकार कर लिया. यह मामला 1999 का था.
अदालत के फैसले के बाद जरदारी की बेटी बख्तावर ने सोशल मीडिया पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, ‘‘जब इमरान खान और नवाज शरीफ एनएबी से छिपते फिर रहे हैं, मेरे पिता का आखिरी लंबित मामला रद्द हो गया."