इस्लामाबाद: पाकिस्तान के नवनियुक्त 23वें प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अधिकारियों को अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान को उनकी रैली के दौरान कड़ी सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया.


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अपदस्थ प्रधानमंत्री को दी गई सुरक्षा के संबंध में गृह मंत्रालय ने प्रधानमंत्री शरीफ के निर्देश पर संबंधित अधिकारियों को एक पत्र जारी कर खान की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है.


न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक डॉन के अनुसार मंत्रालय ने चार प्रांतों के गृह सचिवों और इस्लामाबाद के मुख्य आयुक्त को तत्काल पत्र भेजकर इमरान खान के लिए कड़े सुरक्षा उपाय करने को कहा है. पीएम शरीफ ने आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह को व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी करने और आदेशों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. इसके अलावा, खान की सुरक्षा व्यवस्था के तहत बानी गाला में खान के पहाड़ी आवास के बाहर एक बम निरोधक दस्ता भी तैनात किया गया है. 


इमरान ने शुरू किया देशव्यापी विरोध अभियान 
अपनी सरकार के पतन के बाद, इमरान खान ने देशव्यापी विरोध अभियान शुरू किया. हालांकि, "गंभीर खतरे के अलर्ट" के मद्देनजर, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान को वर्चुअली रैलियों का संचालन करने के लिए कहा गया है.


इस बीच, कार्यवाहक प्रधान मंत्री, शहबाज शरीफ ने भी गठबंधन सहयोगियों के साथ अलग-अलग बैठकें कीं. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, संघीय मंत्री इसरार तारिन, सीनेटर अनवारुल हक, सरफराज अहमद बुगती और समीना मुमताज, एमएनए एहसानुल्ला रेकी और रुबीना इरफान और एमपीए बिलावल अफरीदी ने बैठक में भाग लिया.


पीएम ने की सहयोगी पार्टियों से चर्चा 
खालिद हुसैन मैगसी और जाम कमाल खान के नेतृत्व में बलूचिस्तान अवामी पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने पीएम शरीफ से मुलाकात की और उनके साथ समग्र राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की. प्रतिनिधिमंडल ने बलूचिस्तान के विकास को सरकार की प्राथमिकताओं में रखने के लिए प्रधानमंत्री की सराहना की.


हालांकि, बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) और अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) दोनों ने कैबिनेट का हिस्सा बनने से परहेज किया है और पीएम ने उनके नेताओं को कैबिनेट में शामिल होने के लिए मनाने की कोशिश की.


पीएम ने एएनपी नेताओं आमिर हैदर खान होती और आइमल असफंदयार से भी मुलाकात की और उनके साथ वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की. पीएम शहबाज ने 11 अप्रैल को प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली, इमरान खान को अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से हटाने के बाद, वह लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से हटाए जाने वाले पहले पीएम बन गए.


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