Israel-Hamas War: फिलिस्तीन का मतलब इजरायल का खात्मा, हमास संस्थापक के बेटे ने कहा- इस्लाम....
Israel-Hamas War: इजरायल-हमास का जंग जारी है, इसी बीच हमास के सह-संस्थापक शेख हसन यूसुफ के बेटे ने इस्लाम को लेकर चेतावनी दी है. उन्होंने कहा फिलिस्तीन का अस्तित्व इजरायल के विनाश पर निर्भर है.
Israel-Hamas War: हमास के सह-संस्थापक शेख हसन यूसुफ के बेटे मोसाब हसन यूसुफ पहले भी इस बात का खुलासा करते रहे हैं कि हमास किस तरह से आतंक फैलाता है. ग्रीन प्रिंस के नाम से पहचाने जाने वाले मोसाब ने अब इस्लाम और हमास को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा, 'फिलिस्तीन इजरायल के विनाश पर निर्भर करता है. यदि फिलिस्तीन की कोई परिभाषा है तो इसका मतलब है इजरायल का खात्मा.' इसके अलावा उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि इस्लाम से नहीं लड़ा गया तो दुनिया खतरे में है.
दरअसल, मोसाब द जेरूसलम पोस्ट के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. मोसाब को पूर्व फिलिस्तीनी आतंकी के रूप में भी जाना जाता है. साल 1997 में मोसाब इजरयाल चले गए थे और यूएसए जाने से पहले इजरायल की सुरक्षा एजेंसी शिन बेट के लिए जासूस का काम कर रहे थे. मोसाब ने कहा कि आखिर फिलिस्तीन है क्या? क्या एक जातीय समूह है? एक धर्म है? एक विशिष्ट भाषा है? क्या आपके पास धर्म ग्रंथ है? क्या आप एक राष्ट्र हैं? क्या आप एक देश थे? इसमें से कोई नहीं हैं तो फिलिस्तीन का उद्देश्य क्या है?
दो राष्ट्र नीति का विरोध
मोसाब ने दो राष्ट्र नीति का विरोध किया है. उन्होंने कहा जो लोग दो राज्य समाधान की बात करते हैं या तो वह इजरायल का खात्मा चाहते हैं या फिर वे इसका परिणाम नहीं जानते हैं. उनके विचार से फिलिस्तीन प्राधिकरण हमास से बड़ा खतरा है. उन्होंने कहा, 'फिलिस्तीनी लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन दुनिया में फिलिस्तीन प्राधिकरण के जरिए अराजकता फैलाता है.' उन्होंने कहा एक शत्रुतापूर्ण राज्य फिलिस्तीन की स्थापना बहुत महंगा है. फिलिस्तीन को यहूदिया, सामरिया, पहाड़, घाटी नहीं दिया जा सकता है, यह एक डिफेंस लाइन है.
इस्लाम दुनिया के लिए खतरा- मोसाब युसुफ
उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर इजरायल के खिलाफ इतना प्रचार किया गया कि लोग जब दिन में इसे हजारों बार देखते हैं तो इसपर विश्वास कर लेते हैं. मोसाब ने चेतावनी के लहजे में कहा, 'अगर हम इस्लाम से नहीं लड़े तो दुनिया खतरे में है. हम अपने अस्तित्व से जुड़े खतरे से समय रहते नहीं लड़े तो इसका खामियाजा भोगना पड़ेगा. हमें अब जाग जाने की जरूरत है.' उन्होंने कहा कि मिस्र और जार्डन के जरिए फिलिस्तीन पर नजर रखने की जरूरत है. अरब देशों को अरब में ही काम करना चाहिए.
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