Israel Hamas War: संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीनी राजदूत रियाद मंसूर ने इजरायल-हमास के बीच चल रहे युद्ध को लेकर कहा कि दोनों पक्षों के बीच एक स्थाई समाधान की दरकार हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि जंग के बीच सीजफायर कराने से कोई खास फायदा नहीं पहुंचेगा, क्योंकि आने वाले समय में युद्ध फिर से शुरू होगा और वापस 'नरसंहार' जैसी स्थिति होगी. 


रियाद मंसूर ने ये बयान तब दिया है जब इजरायल और हमास ने 4 दिनों के सीजफायर के लिए समझौता किया है. इस समझौते के तहत हमास की ओर से 50 बंधकों को छोड़ा जाएगा, जिसके बदले इजरायल 4 दिनों तक गाजा या हमास पर हमला नहीं करेगा. राजदूत मंसूर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा, "मैं इस समझौते के लिए शुक्रगुजार हूं, क्योंकि अब फिलिस्तीनी बच्चों की जान नहीं जाएगी."


उन्होंने समझौते को पूरा कराने के लिए कतर और मिस्र का शुक्रिया अदा किया. मंसूर ने फिलिस्तीनियों के खिलाफ इजरायल के "कब्जे और नस्लीय भेदभाव, रंगभेद" की निंदा की और कहा कि संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं है.


'फिलिस्तीनी लोग इजरायली नागरिक की हत्या के खिलाफ'


रियाद मंसूर ने कहा, "फिलिस्तीनी लोग किसी भी इजरायली नागरिक के मारे जाने के पक्ष में नहीं है." संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत गिलाद एर्दान ने कहा कि जैसे ही युद्ध-विराम खत्म होता है, हम पूरी ताकत के साथ अपने लक्ष्यों को हासिल करने की कोशिश करेंगे. 


उन्होंने कहा, "हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक कि हम हमास की सभी आतंकवादियों को खत्म नहीं कर देते और जब तक हमें ये विश्वास नहीं हो जाता वे (हमास) इजरायली नागरिकों और गाजा की महिलाओं और बच्चों दोनों को धमकी नहीं देने की स्थिति में नहीं हैं तब तक हम नहीं रुकेंगे. 


क्या है हमास-इजरायल की डील?


सीजफायर समझौते के तहत 50 बंधकों के छोड़ा जाएगा जिसके एवज में 50 बंधकों को छोड़ा जाएगा. इसके अलावा हर 10 बंधकों के छोड़े जाने पर एक दिन का सीजफायर बढ़ जाएगा. हालांकि इस दौरान गाजा में इजरायली सेना और टैंक मौजूद रहेंगे. हमास की ओर से दिए गए बयान में कहा गया कि इस दौरान इजरायली सेना किसी भी व्यक्ति पर हमला नहीं करेगी और न ही गिरफ्तार करेगी.


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