ओपेनहाइमर को भारतीय नागरिक बनाना चाहते थे नेहरू, जानें 1954 का किस्सा
भारतीय प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1954 में ओपेनहाइमर को भारतीय नागरिक बनने का ऑफर दिया था. हालांकि, ओपेनहाइमर ने यह ऑफर स्वीकार नहीं किया था.
अमेरिकी वैज्ञानिक जूलियस रॉबर्ट ओपेनहाइमर के जीवन पर बनी फिल्म को ऑस्कर अवॉर्ड सेरेमनी में कई पुरस्कार मिले हैं. लॉस एंजिल्स में आयोजित 96वें एकेडमी अवॉर्ड्स में क्रिस्टोफर नोलन की ‘ओपेनहाइमर’ को बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड दिया गया. वहीं, आयरिश अभिनेता किलियन मर्फी को इस फिल्म में मुख्य किरदार निभाने के लिए बेस्ट एक्टर का ऑस्कर मिला. इसी फिल्म के लिए क्रिस्टोफर नोलन बेस्ट डायरेक्टर भी बने.
भारत में नागरिकता संशोधन कानून भी लागू हो चुका है और इसकी लगातार चर्चा हो रही है. ऐसे में हम 1954 की एक घटना के बारे में बता रहे हैं. जब भारतीय प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ओपेनहाइमर को भारतीय नागरिक बनने का ऑफर दिया था. हालांकि, ओपेनहाइमर ने यह ऑफर स्वीकार नहीं किया था.
काई बर्ड ने किया था खुलासा
96वें एकेडमी अवॉर्ड्स में कई पुरस्कार हासिल करने वाली ओपेनहाइमर फिल्म एक किताब पर बनी है, जिसका नाम है- अमेरिकन प्रोमेथियसः द ट्रायम्फ एंड ट्रेजेडी ऑफ जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर. इस किताब के सह लेखक काई बर्ड ने एक इंटरव्यू में कहा था कि 1954 में ओपेनहाइमर के अपमानित होने के बाद नेहरू ने उन्हें भारत आने और भारतीय नागरिक बनने का ऑफर दिया था. इसके बाद बर्ड ने कहा था "मुझे नहीं लगता कि ओपेनहाइमर ने इस पर गंभीरता से विचार किया होगा, क्योंकि वह एक गहरे देशभक्त अमेरिकी थे."
कौन थे ओपेनहाइमर
जूलियस रॉबर्ट ओपेनहाइमर अमेरिका के भौतिकी के शिक्षक और वैज्ञानिक थे. उन्हें परमाणु बम की खोज के लिए जाना जाता है. वह द्वितीय विश्व युद्ध के समय परमाणु बम के निर्माण के लिए शुरू की गई मैनहट्टन परियोजना के निर्देशक भी थे. एक समय में उन्हें अमेरिका का सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक कहा गया, लेकिन बाद में उनके ऊपर गंभीर आरोप भी लगे. उनसे उनकी सुरक्षा भी छीन ली गई थी. इन घटनाओं से वह बेहद अपमानित हुए थे. वह मैकार्थी विच हंट के मुख्य शिकार बन गए थे.
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