Papua New Guinea landslide: पापुआ न्यू गिनी में विनाशकारी भूस्खलन के कारण अब तक दो हजार से अधिक लोगों की जान चली गई है. हालांकि, इस विनाशकारी लैंडस्लाइड के बीच एक चमत्कार भी देखने को मिला है. यहां एक दंपति मलबे में दबे होने के बाद भी सुरक्षित बच पाए.


अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, पापुआ न्यू गिनी में लैंडस्लाइड की तबाही के बाद कई लोग अब भी लापता हैं. सोमवार को बचाव अभियान में लोग जुटे हुए थे. इस बीच उन्हें मलबे के बीच फंसे कुछ लोगों की आवाज सुनाई दी. इसके बाद मौके पर पहुंचे लोगों ने कड़ी मशक्कत के बाद दंपति को सकुशल बचा लिया.


दंपति ने क्या कहा?


जॉनसन और जैकलीन यैंडम ने बताया कि वे बहुत आभारी हैं और उन्होंने खुद के सुरक्षित निकलने को एक चमत्कार बताया. जैकलीन ने कहा, "हमारी जान बचाने के लिए भगवान का शुक्रिया अदा करते हैं. हमें यकीन था कि हम मरने वाले हैं, लेकिन बड़े-बड़े पत्थर हमें कुचल नहीं पाए. यह समझाना वाकई मुश्किल है क्योंकि हम करीब आठ घंटे तक मलबे के नीचे फंसे रहे, फिर हमें बचा लिया गया. हमें लगता है कि हमें किसी मकसद के तहत बचाया गया है.


दो हजार से अधिक लोगों की गई जान


पापुआ न्यू गिनी सरकार के अनुसार, दक्षिण प्रशांत द्वीप राष्ट्र में भूस्खलन से 2,000 से अधिक लोगों के जिंदा दफन होने की आशंका है. यह हादसा शुक्रवार तड़के यमबली गांव में हुआ, जब एक पर्वत का एक हिस्सा ढह गया. भूस्खलन के समय लोग सो रहे थे. यह गांव ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी तट पर स्थित इस गरीब, ग्रामीण आबादी वाले देश के अंदरुनी इलाके में एक अस्थिर और दूरस्थ क्षेत्र में स्थित है, जिससे तलाश व बचाव अभियान जटिल और खतरनाक हो गया है.


पीएम मोदी ने की मदद की पेशकश


इस बीच भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने भी दुख जताया है. उन्होंने कहा कि भारत हरसंभव मदद करने के लिए तैयार है. प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ''पापुआ न्यू गिनी में विनाशकारी भूस्खलन से लोगों की मौत और तबाही से बहुत दुखी हूं. पीड़ित परिवारों के प्रति हमारी हार्दिक संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं. भारत हरसंभव सहयोग मुहैया कराने के लिए तैयार है.''


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