पापुआ न्यू गिनी में भूस्खलन ने मचाई तबाही, 2 हजार लोगों की दबकर मौत!
Papua New Guinea landslide : पापुआ न्यू गिनी में भूस्खलन के कारण 2 हजार से ज्यादा लोगों की मौत की आशंका है. पहले यह संख्या 670 बताई गई थी, जो लगातार बढ़ती जा रही है
Papua New Guinea landslide : पापुआ न्यू गिनी में भूस्खलन के कारण 2 हजार से ज्यादा लोगों की मौत की आशंका है. पहले यह संख्या 670 बताई गई थी, जो लगातार बढ़ती जा रही है. बचावकर्मी लगातार दबे हुए लोगों को निकालने का प्रयास कर रहे हैं. समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, पापुआ न्यू गिनी के सरकारी आपदा केंद्र ने बताया कि भूस्खलन में 2 हजार से अधिक लोगों की दबकर मौत हो गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से करीब 600 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम स्थित एंगा प्रांत के एक गांव में पिछले शुक्रवार को भूस्खलन हुआ था. जिससे कई घरों में सो रहे लोग दब गए थे. इस हादसे के बाद तुरंत संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि 100 से ज्यादा लोग मारे गए होंगे. बाद में इसे संशोधित करके 670 कर दिया गया.
अभी बढ़ता जा रहा है भूस्खलन
राष्ट्रीय आपदा केंद्र के कार्यवाहक निदेशक लुसेते लासो माना ने संयुक्त राष्ट्र को लिखे पत्र में कहा कि भूस्खलन के कारण 2000 से अधिक लोग जिंदा दफन हो गए और इमारतों, खेतों को भारी नुकसान पहुंचा है, जिससे देश की आर्थिक जीवनरेखा पर बड़ा प्रभाव पड़ा है. उन्होंने कहा कि स्थिति अस्थिर हुई है, क्योंकि भूस्खलन धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है, जो लोगों के लिए खतरा साबित हो सकता है. उन्होंने बताया कि भूस्खलन के कारण कई क्षेत्र को जोड़ने वाले रास्ते भी अवरुद्ध हो गए हैं. पापुआ न्यू गिनी में करीब 10 मिलियन लोग रहते हैं. रास्ते खराब होने और भूस्खलन के कारण प्रभावित क्षेत्र तक बचावकर्मियों का पहुंचना भी मुश्किल हो गया है.
दबे हुए लोगों को ढूंढना अभी चुनौतीपूर्ण
सिडनी यूनिवर्सिटी के सिविल इंजीनियरिंग स्कूल के एसोसिएट प्रोफेसर पियरे रोगनॉन ने कहा कि भूस्खलन के बाद लोगों को ढूंढना काफी चुनौतीपूर्ण होता है.भूस्खलन से ध्वस्त इमारतें और लोग कई मीटर तक नीचे दबे हो सकते हैं. बचाव दल के अधिकारियों ने कहा, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि भूस्खलन का कारण क्या था, लेकिन एडिलेड विश्वविद्यालय के भूविज्ञान प्रोफेसर एलन कोलिन्स ने कहा कि यह काफी वर्षा वाला क्षेत्र है, इसलिए यहां ऐसा हुआ होगा. कोलिन्स ने कहा कि भूस्खलन सीधे भूकंप के कारण नहीं हुआ है. वर्षा के कारण पहाड़ी ढलानों को बनाने वाली चट्टानें कमजोर हो गईं होंगी.