Parker Solar Probe: अद्भुत! सूरज के सबसे नजदीक जाकर NASA ने तोड़े रिकॉर्ड, जानें क्या है मिशन पार्कर सोलर प्रोब
Parker Solar Probe: नासा के पार्कर सोलर प्रोब ने सूरज के सबसे नजदीक जाकर इतिहास रच दिया है. इस मिशन ने सूरज की सतह से केवल 61 लाख किमी की दूरी से यात्रा करते हुए तेज गति से रिकॉर्ड तोड़ा है.
NASA Parker Solar Probe: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का अंतरिक्ष यान पार्कर सोलर प्रोब ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है. इस यान ने सूरज के सबसे नजदीक जाने का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. पार्कर सोलर प्रोब ने सूरज की सतह से केवल 61 लाख किमी की दूरी से यात्रा की और इस दौरान इसकी गति 6.90 लाख किलोमीटर प्रति घंटा रही. ये इतनी तेज गति है कि इससे दिल्ली से न्यूयार्क मात्र एक मिनट में पहुंचा जा सकता है. ये पहली बार है जब किसी मानव निर्मित वस्तु ने सूरज के इतने पास जाकर ये रिकॉर्ड कायम किया.
डीडी न्यूज की ओर से शेयर की गई जानकारी के मुताबिक इस ऐतिहासिक मिशन के दौरान वैज्ञानिकों के मन में एक चिंता भी है. उन्हें ये डर सता रहा है कि क्या पार्कर सोलर प्रोब सुरक्षित है या नहीं. यदि यह यान सुरक्षित रहता है तो सूरज के दूसरी तरफ से सिग्नल हासिल होंगे. यदि कोई सिग्नल नहीं मिलता तो इसका मतलब होगा कि यान नष्ट हो गया है. इस संबंध में नासा के अधिकारियों का कहना है कि 27 दिसंबर तक सिग्नल मिलने की उम्मीद है, जिसके बाद इस यान की स्थिति का पता चलेगा.
पार्कर सोलर प्रोब ने सूरज के नजदीक से लीं नई तस्वीरें
पार्कर सोलर प्रोब ने सूरज के नजदीक से कई तस्वीरें ली हैं जो नासा को जनवरी में दी जाएंगी. इस दौरान लिए गए डेटा को अगले कुछ महीनों में हासिल किया जाएगा जब ये यान सूरज से और दूर जाएगा. जानकारी के मुताबिक पार्कर ने 2023 में सूरज के चारों ओर 17वां चक्कर पूरा किया, जिसमें उन्होंने दो रिकॉर्ड बनाए गए. पहला रिकॉर्ड था सूरज के बेहद नजदीक से गुजरने का और दूसरा था इसके द्वारा बनाई गई गति का. इस मिशन के तहत पार्कर ने सूरज से केवल 72.60 लाख किमी की दूरी से यात्रा की थी और इस दौरान इसकी गति 6.35 लाख किलोमीटर प्रति घंटा रही थी. ये दोनों रिकॉर्ड 27 सितंबर 2023 को बनाए गए थे.
हीटशील्ड से सूरज के खतरों से सुरक्षा
पार्कर सोलर प्रोब को 2018 में लॉन्च किया गया था और इसमें विशेष हीटशील्ड और ऑटोनॉमस सिस्टम लगे हैं, जो इसे सूरज के तूफानों से बचाते हैं. ये यान पहले ही सूरज से 5.70 करोड़ किलोमीटर दूर रहते हुए सौर तूफानों का अध्ययन कर चुका है. इन सौर तूफानों के अध्ययन से वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में ग्रहों के बीच उड़ने वाली सौर धूल के प्रभाव को समझने में मदद मिलेगी और ये जानकारी ग्रहों के ग्रेविटी, एटमॉस्फेयर और मैग्नेटिक फील्ड पर इसके इफेक्ट को समझने में सहायक होगी.
नासा का पार्कर सोलर प्रोब मिशन एक नई दिशा में अंतरिक्ष अन्वेषण की ओर कदम बढ़ाता है. सूरज के नजदीक जाकर किए गए इस मिशन से मिलने वाला डेटा न केवल हमारे सौर मंडल को बेहतर तरीके से समझने में मदद करेगा बल्कि ये बाकी ग्रहों और अंतरिक्षीय घटनाओं के अध्ययन के लिए भी एक अहम कदम साबित होगा.
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