पार्टीगेट मामला: क्या पीएम बोरिस जॉनसन ने किया ब्रिटिश संसद को गुमराह? संसदीय कमेटी करेगी जांच
संसद की विशेषाधिकार समिति अब यह जांच करेगी कि क्या जॉनसन ने अपने शुरुआती बयान में जानबूझकर संसद को गुमराह किया.
क्या ‘पार्टीगेट’ मामले में ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं. संसद की विशेषाधिकार समिति अब यह जांच करेगी कि क्या जॉनसन ने अपने शुरुआती बयान में जानबूझकर संसद को गुमराह किया. अगर यह आरोप साबित हो जाता है तो यह ऐतिहासिक रूप से एक इस्तीफा देने वाला अपराध होगा.
ब्रिटिश सांसदों ने गुरुवार को प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को जांच के तहत रखने पर सहमति व्यक्त की ताकि यह निर्धारित किया सके कि क्या उन्होंने अपने डाउनिंग स्ट्रीट कार्यालय में लॉकडाउन तोड़ने वाली पार्टियों पर संसद में झूठ बोला था.
बता दें जॉनसन ने आरंभ में कहा था कि उन्होंने कोविड-19 संबंधी किसी भी नियम को नहीं तोड़ा. उनके खिलाफ आरोप हैं कि वह कोविड-19 संबंधी प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय ‘डाउनिंग स्ट्रीट’ में कुछ पार्टी में शामिल हुए थे.
पीएम पर बढ़ेगा इस्तीफे का दबाव
सांसदों का यह फैसला कंजरवेटिव प्रधानमंत्री पर अधिक दबाव डालेगा, जिसकी सत्ता पर पकड़ इस दावे से हिल गई है कि उसने अपने देश पर लगाए गए महामारी के नियमों की धज्जियां उड़ा दीं.
विपक्षा लेबर पार्टी का था प्रस्ताव
सांसदों ने सरकार के किसी भी विरोध के बिना एक दिन की बहस के बाद (जिसमें जॉनसन के कुछ सांसदों ने "पार्टीगेट" खुलासे पर पीएम के इस्तीफे का आह्वान किया), एक प्रस्ताव के माध्यम से मतदान किया. यह प्रस्ताव विपक्षी लेबर पार्टी द्वारा लगा गया था.
जॉनसन पर पिछले हफ्ते लगा था जुर्माना
जॉनसन पर पिछले हफ्ते जून 2020 में अपने कार्यालय में अपने जन्मदिन की पार्टी में शामिल होने के लिए पुलिस द्वारा 50 पाउंड का जुर्माना लगाया गया था, जब ब्रिटेन में लोगों को दोस्तों और परिवार से मिलने या यहां तक कि मृतक रिश्तेदारों के परिजनों से मिलने पर रोक लगा दी गई थी. जॉनसन पहले ब्रिटिश प्रधान मंत्री हैं जिन्होंने पद पर रहते हुए कानून तोड़ा है.
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