एक्सप्लोरर

Parvez Musharraf Death: पाकिस्तान के वो राष्ट्रपति जो भारत में हुए पैदा, 2 को मौत के लिए अपने मुल्क में नहीं मिली जगह

Pervez Musharraf Death: परवेज मुशर्रफ का जन्म दिल्ली में हुआ था. उन्होंने रविवार को अपने मुल्क पाकिस्तान से दूर दुबई में 79 वर्ष की उम्र में आखिरी सांस ली.

Parvez Musharraf Death: पाकिस्तान के पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ का रविवार (5 फरवरी) को निधन हो गया. 79 वर्ष की उम्र में उन्होंने दुबई में आखिरी सांस ली. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे. हालांकि, इसके साथ ही मुशर्रफ के साथ हमेशा ये जुड़ा रहेगा कि कभी पाकिस्तान का सबसे ताकतवर शख्स रहा, आखिरी सांस अपने मुल्क में नहीं ले सका. मुशर्रफ का भारत से गहरा कनेक्शन रहा. उनका परिवार दिल्ली में रहता था. यहीं दरियागंज में 11 अगस्त, 1943 को मुशर्रफ की पैदाइश हुई. 1947 में देश का बंटवारा हुआ तो उनका परिवार पाकिस्तान चला गया. 

मुशर्रफ के पिता ब्रिटिश भारतीय सेना में बड़े अधिकारी थे. मुशर्रफ ने भी पिता की ही तरह वर्दी की राह पकड़ी और पाकिस्तान की सेना में अधिकारी बने. सफलता की सीढ़ियां चढ़ते परवेज मुशर्रफ को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सेनाध्यक्ष बनाया. सेना की कमान आने के बाद पाकिस्तान ने उसी भारत के खिलाफ अपनी चाल चली, जिसकी जमीन पर वे पैदा हुए थे. उन्होंने कारगिल को कब्जाने की साजिश रखी, जिसके बाद 1999 में भारत को बड़ा सैन्य अभियान चलाना पड़ा. 

सैन्य शासक से राष्ट्रपति

कारगिल में फेल होने के बाद जब बदनामी हुई तो मुशर्रफ ने शरीफ के ऊपर ठीकरा फोड़ दिया. शरीफ को उम्मीद थी कि परवेज मुशर्रफ उनके लिए वफादार रहेंगे लेकिन हुआ उलटा, मुशर्रफ ने सैन्य शासन लागू कर दिया और शरीफ को जान बचाने के लिए देश छोड़कर भागना पड़ा. बाद में मुशर्रफ ने खुद को राष्ट्रपति घोषित कर दिया. ये एक छोटी सी कहानी है भारत में जन्मे एक शख्स की पाकिस्तान के सबसे ऊंचे पद तक पहुंचने की. लेकिन परवेज मुशर्रफ भारत में पैदा होने वाले पहले नहीं थे, जो पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने. इनसे पहले भी कई नाम ऐसे हो चुके हैं. आइए उनके बारे में जानते हैं.

इस्कंदर मिर्जा

इस्कंदर मिर्जा पाकिस्तान के पहले राष्ट्रपति थे. 1956 में वे देश के राष्ट्रपति बने. दरअसल 23 मार्च, 1956 को पाकिस्तान का संविधान लागू हुआ. उसके पहले पाकिस्तान में गवर्नर जनरल हुआ करते थे. जब संविधान लागू हुआ तो गवर्नर जनरल इस्कंदर मिर्जा ही थे. बाद में वही राष्ट्रपति बने. 

मिर्जा की कहानी भी दिलचस्प है. इस्कंदर मिर्जा भारतीय इतिहास में गद्दार के नाम से मशहूर मीरजाफर के खानदान से थे. हम उसी मीरजाफर की बात कर रहे हैं, जिसने 1757 में प्लासी के युद्ध में बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला से गद्दारी की थी. मीरजाफर नवाब का सेनापति था लेकिन राबर्ट क्लाइव ने उसे खरीद लिया और वह जंग में नहीं उतरा. इस तरह भारत में अंग्रेजी शासन की नींव पड़ी. इस्कंदर मिर्जा इसी मीरजाफर के प्रपौत्र थे.

मुल्क में दफन के लिए भी नहीं मिली जगह

राष्ट्रपति के तौर पर मिर्जा पाकिस्तान के लिए अस्थिरता लेकर आए. उनके कार्यकाल में कई प्रधानमंत्री हटाए गए. लेकिन एक दिन मिर्जा ने गलती की और अयूब खान को सेना प्रमुख नियुक्त किया. अयूब खान ने देश में सैन्य शासन लागू किया और 20 दिन बाद ही इस्कंदर मिर्जा को देश से खदेड़ दिया. वे लंदन चले गए और 1969 में वहीं उनका निधन हो गया. ये हाल मुशर्रफ की याद दिलाता है. मिर्जा की लाश तक को पाकिस्तान नहीं आने दिया गया. अंत में उन्हें ईरान की राजधानी तेहरान में दफनाया गया.

जिया उल हक

जिया उल हक पाकिस्तान के छठें राष्ट्रपति थे. सैन्य तानाशाह से राष्ट्रपति बनने वाले जिया उल हक का जन्म 1924 में भारत के जालंधर में हुआ था. जिया पाकिस्तान के सबसे लंबे समय तक राष्ट्रपति रहे. जिया की कहानी भी कुछ ऐसी ही थी कि जिसने भरोसा किया उसी के साथ सबसे बड़ा धोखा किया. 1976 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो ने जिया उल हक को सेना प्रमुख बनाया. उस समय जिया सीनियर अधिकारियों की लिस्ट में नीचे थे लेकिन भुट्टो को भरोसा था कि जिया उनका हुकुम मानेंगे. एक साल बाद ही जिया ने रंग बदल लिया और सैन्य शासन लागू कर दिया. 1978 में खुद को राष्ट्रपति घोषित कर दिया. इसके बाद भी जिया का मन नहीं भरा. जुल्फिकार अली भुट्टो को एक हत्या के केस में आरोपी बनाया गया और दो साल में उन्हें दोषी साबित करके फांसी पर चढ़ा दिया गया. 1988 में राष्ट्रपति रहते हुए एक सैन्य विमान दुर्घटना में जिया की मौत हो गई. आज तक विमान हादसे के बारे में कई तरह की बातें होती हैं.

वसीम सज्जाद

जिया उल हक की मौत के बाद वसीम सज्जाद को पाकिस्तान का कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया. भारत के जालंधर में जन्मे वसीम सज्जाद के पिता सज्जाद अहमद खान पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के जज थे. 1999 में जब मुशर्रफ ने सैन्य तख्ता पलट किया तो वसीम सज्जाद ने उनका साथ दिया था. उन्हें इसका इनाम मिला और पाकिस्तान सीनेट का लीडर बनाया गया.

ममनून हुसैन

ममनून हुसैन पाकिस्तान के 12वें राष्ट्रपति थे. वे 2013 से 2018 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे. उनका जन्म भारत के आगरा में 1941 में हुआ था. उनका परिवार चमड़े और जूते का व्यापार करता था. देश के बंटवारे के समय उनका परिवार पाकिस्तान चला गया. 

यह भी पढ़ें- भारत के खिलाफ तीन युद्ध लड़े मुशर्रफ, करगिल पर कब्जा नहीं कर पाए तो PM नवाज शरीफ को दिया दोष

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

क्या टूटने की कगार पर हैं भारत-कनाडा के संबंध? संसद में विदेश मंत्रालय का जवाब- 'ट्रूडो सरकार देती है चरमपंथियों को पनाह'
क्या टूटने की कगार पर हैं भारत-कनाडा के संबंध? संसद में विदेश मंत्रालय का जवाब- 'ट्रूडो सरकार देती है चरमपंथियों को पनाह'
संभल हिंसा: 10 दिसंबर तक धारा 163 लागू, रैली या धरना पर रोक, इन बातों का रखना होगा ध्यान
संभल हिंसा: 10 दिसंबर तक धारा 163 लागू, रैली या धरना पर रोक, इन बातों का रखना होगा ध्यान
SAMT 2024: झारखंड ने 5 ओवर से पहले ही जीता 20 ओवर का मैच, ईशान किशन ने 9 छक्के लगाकर किया कमाल
झारखंड ने 5 ओवर से पहले ही जीता 20 ओवर का मैच, ईशान किशन ने 9 छक्के लगाकर किया कमाल
'ऐतराज 2' से प्रियंका-अक्षय-करीना आउट, सीक्वल में नई जेनरेशन के एक्टर्स को कास्ट करेंगे सुभाष घई
'ऐतराज 2' से प्रियंका-अक्षय-करीना आउट, सीक्वल में दिखेंगे नए चेहरे
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Maharashtra New CM: फडणवीस की चर्चा..क्या निकलेगी पर्चा? | Devendra Fadnavis | Ajit Pawar | ShindeDhirendra Krishna Shastri News: सनातन पथ पर बाबा के '9 संकल्प' | ABP NewsAustralia: बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल पर सरकार का बड़ा फैसला | ABP NewsAjmer Sharif Dargah: दरगाह के तहखाने में मंदिर के सबूत? | ABP News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
क्या टूटने की कगार पर हैं भारत-कनाडा के संबंध? संसद में विदेश मंत्रालय का जवाब- 'ट्रूडो सरकार देती है चरमपंथियों को पनाह'
क्या टूटने की कगार पर हैं भारत-कनाडा के संबंध? संसद में विदेश मंत्रालय का जवाब- 'ट्रूडो सरकार देती है चरमपंथियों को पनाह'
संभल हिंसा: 10 दिसंबर तक धारा 163 लागू, रैली या धरना पर रोक, इन बातों का रखना होगा ध्यान
संभल हिंसा: 10 दिसंबर तक धारा 163 लागू, रैली या धरना पर रोक, इन बातों का रखना होगा ध्यान
SAMT 2024: झारखंड ने 5 ओवर से पहले ही जीता 20 ओवर का मैच, ईशान किशन ने 9 छक्के लगाकर किया कमाल
झारखंड ने 5 ओवर से पहले ही जीता 20 ओवर का मैच, ईशान किशन ने 9 छक्के लगाकर किया कमाल
'ऐतराज 2' से प्रियंका-अक्षय-करीना आउट, सीक्वल में नई जेनरेशन के एक्टर्स को कास्ट करेंगे सुभाष घई
'ऐतराज 2' से प्रियंका-अक्षय-करीना आउट, सीक्वल में दिखेंगे नए चेहरे
यूपी में ज्वार खरीद में रिकॉर्ड प्रगति, बाजरा खरीद में भी दिखी तगड़ी तेजी
यूपी में ज्वार खरीद में रिकॉर्ड प्रगति, बाजरा खरीद में भी दिखी तगड़ी तेजी
दिल्ली में लगातार छठें दिन 'बेहद खराब' रहा AQI, शुक्रवार को सीजन की सबसे ठंडी रात
दिल्ली में लगातार छठें दिन 'बेहद खराब' रहा AQI, शुक्रवार को सीजन की सबसे ठंडी रात
Top Taxpayers: सबसे ज्यादा टैक्स देते हैं शाहरुख, सलमान, अमिताभ, विजय; ये सिलेब्रिटी बना नंबर वन टैक्सपेयर
सबसे ज्यादा टैक्स देते हैं शाहरुख, सलमान, अमिताभ, विजय; ये सिलेब्रिटी बना नंबर 1 टैक्सपेयर
Opinion: बांग्लादेश में टारगेट पर हिन्दू समुदाय, नरसंहार जैसी पैदा हो रही स्थिति, फौरन लगे विराम
Opinion: बांग्लादेश में टारगेट पर हिन्दू समुदाय, नरसंहार जैसी पैदा हो रही स्थिति, फौरन लगे विराम
Embed widget