PTM Jalsa: पाकिस्तान नेशनल असेंबली के सदस्य और पश्तून तहफुज मूवमेंट (पीटीएम) के नेता अली वजीर को गिरफ्तारी के दो सालों से भी ज्यादा समय के बाद हाल ही में रिहा किया गया था. कराची की सेंट्रल जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने पश्तूनी नेता मंजूर पश्तीन और मंसूर पश्तीन के साथ पीटीएम जलसा का आयोजन किया. अली वजीर, मंजूर पश्तीन और मंसूर पश्तीन की अध्यक्षता में रखे गए इस जलसे में हिस्सा लेने के लिए हजारों लोग पहुंचे.


अली वजीर को दिसंबर 2020 में राज्य के संस्थानों के खिलाफ नफरत फैलाने, भड़काऊ भाषण देने और देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उन्हें पेशावर से गिरफ्तार करके कराची ले जाया गया था. खैबर पख्तूनख्वा में पीटीएम नेता के खिलाफ कुल 14 मामले दर्ज किए गए थे. उनके वकील के मुताबिक, पेशावर हाईकोर्ट ने 11 मामलों में पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने से रोक दिया था, जबकि उन्हें तीन मामलों में जमानत दी गई थी.


रिहाई पर लोगों की प्रतिक्रिया भी आई


अली वजीर की रिहाई पर एक यूजर ने ट्वीट किया, "अली वजीर आखिरकार रिहा हो गए. उन्होंने पिछले साल संसद के बाहर कहा था, 'मुझे माफी मांगनी चाहिए, लेकिन मैं उन्हें बता दूं कि मेरा शरीर और मांस पिघल जाएगा और मेरी हड्डियां दफन हो जाएंगी, तब भी मैं कभी माफी नहीं मांगूंगा.' उन्होंने अपना वचन निभाया, वह जीत गए. अहंकार हार गया. यहां आजादी है!"






कई लोगों ने किया स्वागत


अली वजीर की रिहाई का पाकिस्तान में कई लोगों ने स्वागत किया और कहा कि अभी एक लंबा रास्ता तय करना है. साउथ एशियन अगेंस्ट टेररिज्म एंड फॉर ह्यूमन राइट्स (SAATH), लोकतंत्र पाकिस्तानियों के एक समूह ने एक बयान में कहा कि 26 महीने जेल में रहने के बाद अली वजीर की रिहाई एक बड़े अन्याय को सुधारने की दिशा में एक छोटा कदम था.


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