कोलकाता: यूक्रेन पर हमले के मद्देनजर अमेरिका और यूरोपीय देशों द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों का भारतीय हीरा उद्योग पर सीधा असर पड़ने की आशंका है. हीरा उद्योग महामारी के बाद सुधार के रास्ते पर है और वित्त वर्ष 2021-22 में 24 अरब डॉलर की आय का लक्ष्य कर रहा है.
रूस की सबसे बड़ी हीरा खनिक, अलरोसा वैश्विक स्तर पर लगभग 30 प्रतिशत कच्चे हीरे की आपूर्ति करती है और यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है. भारत दुनिया के 80-90 प्रतिशत कच्चे हीरों का आयात, ‘कट’ और पॉलिश करता है.
'अभी तक कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ा है'
रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के कार्यकारी निदेशक सब्यसाची रॉय ने बताया, “अभी तक कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ा है, हालांकि कुछ बैंकों के साथ कोष स्थानांतरण में समस्याएं हैं. हम शांत रहकर स्थितियों की निगरानी कर रहे हैं क्योंकि अलरोसा एक महत्वपूर्ण स्रोत है.’’
रॉय ने कहा कि युद्ध शुरू होने और प्रतिबंध लगाने से पहले अगले दो महीनों के लिए ऑर्डर दिए जा चुके थे. उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक हम जानते हैं कि अलरोसा एक ऐसी कंपनी है जो प्रतिबंध से बाहर है.’’ रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने एक परिपत्र में कहा कि प्रतिबंधों का हीरा उद्योग पर असर पड़ेगा.
'व्यापार मुश्किल हो गया है'
क्रिसिल ने कहा, “प्रतिबंधों ने रूस के केंद्रीय बैंक और दो प्रमुख बैंकों को स्विफ्ट प्रणाली से अलग कर दिया है. हालांकि, उन्होंने अलरोसा के साथ व्यापार पर रोक नहीं लगाई है, लेकिन व्यापार मुश्किल हो गया है, जिससे आपूर्ति बाधित हो सकती है.’’
भारतीय हीरा उद्योग, जो लगभग पूरी तरह से निर्यातोन्मुख है, इस वित्तवर्ष में 24 अरब डॉलर की आय अर्जित करने की संभावना रखता है, जिससे यह महामारी-पूर्व के स्तर पर वापस आ जाएगा.
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