दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश की राजधानी वॉशिंगटन है. वॉशिंगटन से 115 किलो मीटर दूर बाल्टीमोर हैं. 7 समंदर पार अमेरिका में भारतीय मूल के लोग हिंदुस्तानी संस्कारों से दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र के दिल को छू रहे हैं. अमेरिका में भारत के असली राजदूत परिवार रहता है जो अपने घर के दरवाजे पर ऊं और गणेश की मूर्ति लगाते हैं. सोनल और कल्पेश नाम के दंपत्ति को अमेरिका में रहते 30 साल हो गए है लेकिन वो लगातार अमेरिका को भारत की बात सुना रहे हैं.
बेघर लोगों को लिए बनाता खाना
सोनल ने 60 बेघर लोगों के लिए बनाया भोजन बनाया जिसमें बड़ों के लिए सलाद है तो बच्चों के लिए चॉकलेट. त्योहार के मौसम में हर चेहरा खिलखिलाए इसी की कोशिश की जा रही है. सोनल अमेरिका में भारतीय संस्कृति की रोशनी को फैलाने वाली अकेली नहीं हैं, पेशे से कारोबारी प्रकाश श्रॉफ भी इसी श्रेणी में शामिल हैं. जो पिछले 10 सालों से लोगों के घरों से खाना लेकर अमेरिकी बेघरों तक पहुंचा रहे हैं. प्रकाश ये काम स्पर्श नाम की अपनी संस्था के जरिए करते हैं. अमेरिका के इन अजनबी लेकिन जरूरतंद लोगों की मदद के लिए प्रेरणा दे रही है. जिसमें सोनम और कल्पेश जैसे लोग बढ़ चढ़कर मदद कर रहे हैं.
अमेरिका में कोरोना की वजह से बेघर तेजी से बढ़ रहे हैं
न्यूयॉर्क में 92,091, पेंसिलवेनिया में 13,199, फ्लोरिडा में 28,328, टेक्सास में 25848 और कैलिफॉर्निया में 151278 लोग बेघर हैं. वहीं अमेरिका में कुल 5 लाख 52 हजार लोगों के पास रहने को अपना घर नहीं हैं.
ऐसे लोग साढ़े पांच लाख लोगों के किए प्रकाश जैसे भारतीय देवदूत साबित हो रहे हैं. जो हर रोज इसी तरह खाना लेकर सैकड़ों किलो मीटर दूर शेल्टर होम जाते हैं. प्रकाश की ये कोशिश इंसानी जज्बातों को दोबारा जिंदा कर रही है. जिसे हर तरफ वाहवाही और सम्मान मिल रहा है.
प्रकाश श्रॉफ, बेघरों की मदद करने वाले भारतीय
प्रकाश बेघर लोगों से कहते है कि, ‘मैं 3-4 दिन यहां नहीं आ पाऊंगा. लेकिन अगर किसी को कोई जरूरत है तो मैं उसकी मदद जरूर करूंगा.’ अमेरिका की छवि दौलतमंद और ताकतवर देश की रही है लेकिन ये भी उसका एक पहलू है जिसे दुरुस्त करने में भारतीय अपना योगदान दे रहे हैं. प्रकाश ऐसे ही हजारों इंसानियत के सिपाहियों में से एक हैं जिन्होंने लोगों की मदद करने को अपना मिशन बना लिया है.
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