इस्लामाबाद: एक साल पहले इमरान खान ने पाकिस्तान की सत्ता एक 'नए पाकिस्तान' के वादे के साथ संभाली थी. लेकिन, आज एक साल बाद उनकी सरकार के खिलाफ अवाम में बेहद गुस्सा पाया जा रहा है और इसकी एक बड़ी वजह महंगाई को बताया जा रहा है. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, इमरान ने लोगों से 'घबराना नहीं है' का आश्वासन देकर एक कल्याणकारी राज्य का वादा किया था. लेकिन, पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था को काबू करने के प्रयास में उनके वादे धरे के धरे रह गए और आम लोगों की जिंदगी दुश्वार होती गई.
बीते एक साल में पाकिस्तानी रुपये का मूल्य तीस फीसदी तक गिरा है और महंगाई नौ फीसदी की दर से बढ़ी है. समाचार पत्र जंग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि देश की स्थिति पर नजर रखने वाले जानकार मानते हैं कि देश में आज के हालात परमाणु परीक्षण के बाद लगाए गए वैश्विक प्रतिबंध के दौर से भी बुरे हैं. हर गुजरते दिन के साथ लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं.
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अपनी रिपोर्ट में 'एएफपी' के हवाले से बताया कि कराची की 30 साल की शमा परवीन सस्ती सब्जी की तलाश में अपने घर से कई किलोमीटर दूर की मंडी में जाने लगी हैं. उन्होंने कहा, "अब तो टमाटर तक के भाव आसमान छू रहे हैं. जिंदगी दुश्वार हो गई है."
मेहंदी डाई बेचने वाले 60 वर्षीय मोहम्मद अशरफ ने कहा, "रोजमर्रा के खर्च के लिए मेरा एक हजार रुपये कमाना जरूरी है. लेकिन, आजकल मुश्किल से पांच से छह सौ रुपये कमा पा रहा हूं. सोचता हूं कि अगर बीमार पड़ गया तो दवा कैसे खरीदूंगा. लगता है, मर जाऊंगा."
अर्थव्यवस्था को गर्त से निकालने के लिए पाकिस्तान सरकार ने सऊदी अरब जैसे देशों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से कर्ज लिया है. आईएमएफ की ढांचागत सुधार की शर्तो ने दिक्कतें और बढ़ा दी हैं. उसकी शर्तो में के कारण बिजली जैसी मूलभूत चीजों के दाम बढ़ गए हैं.
बीते शुक्रवार को रावलपिंडी में आठ हजार लोगों ने महंगाई के खिलाफ जुलूस निकाला था. इसमें शामिल 32 साल के अयाज अहमद ने कहा, "यह सरकार पूरी तरह से विफल रही है..यह लोग हर गुजरते दिन के साथ देश को और गरीब बना रहे हैं."
कराची विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र के एसोसिएट प्रोफेसर असगर अली ने कहा कि देश में अभी जितने लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं, इनमें जल्द ही लगभग अस्सी लाख लोग और जुड़ने जा रहे हैं. कराची के रहने वाले सब्जी विक्रेता मोहम्मद इमरान ने कहा कि वह अपने कर्ज नहीं चुका पा रहे हैं. उन्होंने कहा, "मैं क्या करूं? किसी दिन मैं खुदकुशी कर लूंगा."