नासा का पर्सिवरेंस मिशन बेहद अहम मिशन में से एक रहा है, लेकिन अब मार्स रोवर अंतरग्रहीय रहस्य का सामना कर रहा है. पत्थर का सैंपल गायब होने के बाद इंजीनियर पता लगाने की कोशिश में जुट गए हैं. उनका मकसद ये जानना है कि जब मंगल ग्रह पर मार्स पर्सिवरेंस रोवर ने पत्थर को इकट्ठा करने की कोशिश की तो क्या खराबी हो गई. हालांकि, रोबोट का तंत्र ठीक तरीके से काम कर रहा था लेकिन जब पत्थरों और मिट्टी के नमूना जमा करने वाली धातु ट्यूब की जांच की गई, तो उसे खाली पाया गया.


मार्स पर्सिवरेंस रोवर से पत्थर के सैंपल गायब


शुक्रवार को नासा ने कहा कि डेटा से संकेत मिलता है कि 'शुरुआती नमूने की गतिविधि के दौरान कोई पत्थर इकट्ठा नहीं हुआ.' मंगल ग्रह की और तस्वीरों और टेलीमेटरी से इस पहेली को हल किया जा सकता है. मिशन पर काम करनेवाली टीम का मानना है कि मंगल ग्रह के पत्थरों की बनावट को खराबी का जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. अमेरिकी अंतरक्षि एजेंसी नासा की जेट प्रोपल्सन लैबोरेटरी कैलिफोर्निया की प्रोजेक्ट मैनेजर जेनिफर ट्रासपर ने कहा, "अगले कुछ दिनों में टीम का ज्यादातर समय डेटा का विश्लेषण करने में बीतेगा और अतिरिक्त डेटा हासिल कर खाली ट्यूब की वजह समझने की कोशिश करेगी."


मंगल की प्राचीन जिंदगी का चल सकता था पता


पर्सिवरेंस के दो मीटर लंबे रोबोटिक बाजू के आखिरी छोर पर खुदाई का तंत्र मौजूद है. मार्स पर्सिवरेंस रोवर को फरवरी में जेजेरो क्रेटर में सफलतापूर्वक लैंड कराया गया था और उसके पहले सैंपल से सर खपाने के बजाए उत्साह की उम्मीद की जा रही थी. मंगल ग्रह रहस्यों से भरा है. माना जाता है कि जेजेरो क्रेटर मंगल ग्रह का अत्यंत दुर्गम इलाका है. जेजेरो क्रेटर में गहरी घाटियां, तीखे पहाड़, नुकीले क्लिफ, रेत के टीले और पत्थरों का समुद्र है और प्राचीन जीवन के संकेत की तलाश का रोवर के लिए प्रमुख स्थल है. सैंपल इकट्ठा करने का प्रयास भले सफल न हो सका हो, लेकिन टीम को उम्मीद है कि सैंपल क्यों गायब हुए, इसको पता लगाने का प्रयास कामयाब होगा. 


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