Peru Emergency: पेरू में पूर्व राष्ट्रपति कैस्टिलो को जेल के बाद देश में इंमरजेंसी की घोषणा, पूरे देश में हिंसा
Peru Emergency: पेरू में इस संकट के पीछे खुद पूर्व राष्ट्रपति पेड्रो कैस्टिलो हैं. संवैधानिक कोर्ट ने कैस्टिलो के फैसले की निंदा की और अमेरिका ने उनसे फैसला वापस लेने की अपील की थी.
Peru Emergency: दक्षिण अमेरिकी देश पेरू में इंमरजेंसी लगा दी गई है. पूर्व राष्ट्रपति पेड्रो कैस्टिलो को हटाने और उनकी गिरफ्तारी के बाद से पूरे देशभर में हिंसक झड़पें होने लगी थीं, जिसके बाद देश के हालात बिगड़ते हुए देख पेरू के रक्षा मंत्री ने आपातकाल लगाने की घोषणा कर दी. पेरू में राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है और प्रदर्शनकारी देश में चुनाव करवाने की मांग कर रहे हैं.
रक्षा मंत्री की घोषणा
पेरू के रक्षा मंत्री अल्बर्टो ओटारोला ने बुधवार को 30 दिन के आपातकाल की घोषणा कर दी. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर सड़कें ब्लॉक कर दी हैं, कई जगह तोड़-फोड़ हुई है. आपातकाल में प्रदर्शन करने की स्वतंत्रता और विधानसभा पर प्रतिबंध शामिल है. इसके साथ ही विध्वंसक और हिंसा को रोकने के लिए देश में कई जगहों पर कर्फ्यू भी लगाया जा सकता है. मंत्री अल्बर्टो ओटारोला ने जोर देते हुए कहा कि देश में स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस और सशस्त्र बलों को भी लगाया जा सकता है.
कैस्टिलो को जेल की सजा
दरअसल, पेरू की एक कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति पेड्रो कैस्टिलो को रिहाई की सुनवाई के दौरान 'विद्रोह' और 'षड्यंत्र' के आरोप में 48 घंटे तक जेल में रहने का आदेश दिया है. पेड्रो कैस्टिलो के समर्थक उनकी रिहाई के साथ-साथ देश में फिर से चुनाव और उनके उत्तराधिकारी, पूर्व उप राष्ट्रपति दीना बोलुआर्टे को हटाने की मांग को लेकर पूरे देशभर में सड़कों पर उतर चुके हैं.
पेरू में आपातकाल की जड़ कैस्टिलो
पेरू में इस संकट के पीछे खुद पूर्व राष्ट्रपति पेड्रो कैस्टिलो हैं. जिन्होंने पिछले हफ्ते शुरू हुआ जब पिछले साल जुलाई में पदभार ग्रहण करने वाले पेड्रो कैस्टिलो ने पेरू की विपक्षी पार्टियों के वर्चस्व वाली कांग्रेस को भंग करने का ऐलान कर दिया. इसके बाद विरोध में कई मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. संवैधानिक कोर्ट ने कैस्टिलो के फैसले की निंदा की और अमेरिका ने उनसे फैसला वापल लेने की अपील की. कैस्टिलो ने सभी की बातों को दरकिनार कर दिया और कुछ घंटों बाद ही विपक्षी पार्टियों ने आपात बैठक बुलाकर और उनके खिलाफ महाभियोग लाने का फैसला किया.
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