Imaran Khan Marriage: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई पार्टी के प्रमुख इमरान खान के खिलाफ अदालत में एक और मुकदमा दर्ज हो गया है. ये मुकदमा उनकी शादी के मामले से जुड़ा है. अदालत को दी गई अर्जी में बताया गया है कि इमरान और बुशरा बीबी की शादी गैर-इस्लामी तरीके से रचाई गई थी. ये याचिका बुशरा बीबी के पूर्व पति खावर फरीद मनेका दी है. 


मेनका ने इमरान-बुशरा के खिलाफ इस्लामाबाद पूर्व के वरिष्ठ सिविल जज कुदरतुल्लाह की अदालत में पाकिस्तानी दंड संहिता की धारा 34 (सामान्य इरादा), 496 (बिना वैध विवाह के धोखाधड़ी से विवाह समारोह) और 496बी (व्यभिचार) के तहत एक निजी शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने कहा इमरान खान ने उनकी जिंदगी बर्बाद कर दी है. हालांकि इन आरोपों को पीटीआई के नेताओं ने सिरे से खारिज कर दिया है. 


बुशरा पर इद्दत पूरा न करने का आरोप


इस्लाम में शरियत के तहत इद्दत की परंपरा मानी जाती है. इसके तहत अगर कोई महिला विधवा हुई है या उसने तलाक लिया है तो उसे 3 महीने तक किसी भी गैर-मर्द से पर्दा करना जरूरी होता है. तलाकशुदा महिला इस अवधि के दौरान दूसरी शादी नहीं कर सकती. वहीं विधवा महिला के लिए इद्दत की अवधि 4 महीने 10 दिन की होती है. इसे 'इद्दत का वक्त' कहते हैं. 


बुशरा बीबी के पूर्व पति खावर मनेका ने कहा है कि जब इमरान खान ने बुशरा से निकाह किया था तब उनके इद्दत का वक्त पूरा नहीं हुआ था. पाकिस्तानी अखबार द डॉन के मुताबिक, खावर मनेका ने याचिका में चार गवाहों का नाम दिया है. इसके साथ ही याचिका में इमरान और बुशरा की शादी के सर्टिफिकेट भी दर्ज किए गए हैं. अदालत ने खावर मनेका के बयान दर्ज करने के बाद 28 नवंबर तक के लिए टाल दी है.


इद्दत के पीछे का तर्क


इद्दत का अर्थ है इंतजार का समय. ये अरबी भाषा का शब्द है. इस्लाम के मुताबिक, इद्दत इसलिए रखा जाता है ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि महिला गर्भवती तो नहीं, अगर वह गर्भवती होती है तो वह बच्चे के पैदा होने तक दूसरी शादी नहीं कर सकती है. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि बच्चे के पैदा होने पर उसके पिता की 'सही पहचान' हो सके.


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