इस्लामाबाद: जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की सैन्य कोर्ट से मौत की सजा पाए कुलभूषण जाधव को जल्द से जल्द फांसी देने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई. इस याचिका में कहा गया है कि अगर भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव अपनी मौत की सजा को पलटवाने में नाकाम रहता है तो उसकी सजा की तामील जल्द से जल्द की जानी चाहिए.
मौत की सजा के खिलाफ जाधव ने नहीं की अपील: याचिकाकर्ता
'द नेशन' की रिपोर्ट के मुताबिक, याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि जाधव को सैन्य कोर्ट ने दोषी ठहराया है और उसने मौत की सजा के खिलाफ अपील भी नहीं की है, इसलिए उसे तत्काल फांसी दे देनी चाहिए. अधिवक्ता मुजमिल अली ने विपक्ष के नेता और पूर्व सीनेट अध्यक्ष फारूक नाइक द्वारा शनिवार के एक याचिका दाखिल कराई है.
याचिकाकर्ता ने कहा है कि कुलभूषण जाधव को मौत की सजा और उसे राजनयिक संपर्क न प्रदान करने का फैसला पाकिस्तानी कानून के मुताबिक किया गया. याचिकाकर्ता ने कहा कि यह मामला इंटरनेशनल कोर्ट के क्षेत्राधिकार में नहीं आता.
''घरेलू कानून के आधार पर कार्रवाई करने को स्वतंत्र है पाकिस्तान''
याचिकाकर्ता के अनुसार, पाकिस्तान अपने घरेलू कानून के आधार पर कार्रवाई करने को स्वतंत्र है. संयुक्त राष्ट्र की सुप्रीम कोर्ट आईसीजे ने कुलभूषण जाधव मामले में अंतिम फैसला आने तक पाकिस्तान को जाधव को फांसी न देने को कहा है, जिसकी भारत ने सराहना की है. वहीं, पाकिस्तान ने कहा है कि आईसीजे के फैसले से जाधव मामले में कोई बदलाव नहीं आया है.
पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षा बलों ने जाधव को तीन मार्च को बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था. पाकिस्तानी सैन्य कोर्ट ने जासूसी के जुर्म में उसे मौत की सजा सुनाई है. इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने अपने अंतरिम आदेश के जरिए जाधव पर कोई अंतिम आदेश के पहले उसकी फांसी की सजा की तामील पर रोक लगा दी थी.