Pew Research Report: प्यू रिसर्च सेंटर ने धर्म को लेकर जो आंकड़ें जारी किए हैं वो चौंकाने वाले हैं. प्यू के डेटा की मानें तो मुसलमानों की आबादी गैर मुसलमानों के मुकाबले दोगुली रफ्तार से बढ़ेगी. मुस्लिम आबादी साल 2030 तक 1. 5 प्रतिशत के ग्रोथ रेट के साथ बढ़ेगी तो नहीं गैर मुसलमानों की आबादी 0.7 प्रतिशत ग्रोथ रेट के साथ बढ़ेगी.


इसी तरह अगर 2030 के बाद भी आबादी बढ़ती रही तो मुसलिम आबादी पूरी दुनिया की आबादी का 26.4 प्रतिशत होगी. यानी साल 2030 में पूरी दुनिया की आबादी 8.3 बिलियन रहने का अनुमान है और इसमें  26.4 प्रतिशत इस्लाम मानने वालों की आबादी होगी.


जहां वैश्विक मुस्लिम आबादी गैर-मुस्लिम आबादी की तुलना में तेज़ी से बढ़ने अनुमान है वहीं अगले दो दशकों में मुस्लिम आबादी की वृद्धि दर पिछली दो दशकों की तुलना में धीमी गति से बढ़ेगी. 1990 से 2010 तक, वैश्विक मुस्लिम आबादी 2.2% की औसत वार्षिक दर से बढ़ी, जबकि 2010 से 2030 की अवधि के लिए अनुमानित दर 1.5% रहेगी.


हालांकि वर्तमान स्थिति देखें तो 2030 में 79 देशों में दस लाख या अधिक मुस्लिम निवासी होंगे, जो आज के 72 देशों से अधिक है. दुनिया के अधिकांश मुस्लिम (लगभग 60%) एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रहेंगे, जबकि लगभग 20% मध्य पूर्व और उत्तरी अफ़्रीका में रहेंगे.


2050 तक इस्लाम दुनिया का सबसे ज्यादा फॉलो किया जाने वाला धर्म


प्यू रिसर्च सेंटर के "द फ्यूचर ऑफ वर्ल्ड रीजन्स" अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि साल 2050 तक इस्लाम दुनिया का सबसे ज्यादा फॉलो किया जाने वाला धर्म होगा. हालांकि प्यू के डाटा में दुनिया का एक ऐसा क्षेत्र भी है जहां लगभग 9 प्रतिशत मुसलामानों की आबादी कम होगी. 


जिस रिजन में मुसलमानों की आबादी कम होगी वो एशिया पेसेफिक रिजन है. यहां साल 2010 में मुसलमानों की आबादी 61.7 प्रतिशत थी जो साल 2050 तक गिरकर 52.8 होने का अनुमान है.


वहीं यूरोप में भी मुसलमानों की आबादी साल 2050 में गिरेगी. साल 2050 में मुस्लिम आबादी 2.7 रहने का अनुमान है जो कि साल 2010 में 2.7 था.