कोरोना की रोकथाम पर Pfizer ने कहा, हो सकता है कि हर साल लगाना पड़े कोविड-19 वैक्सीन
फाइजर ने कहा था कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन 91 फीसदी कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ प्रभावी है. वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के बाद गंभीर बीमीरियों के मामले में यह 95 फीसदी तक प्रभावी है.
कोरोना संक्रमण भारत समेत दुनियाभर के देशों में बेकाबू रफ्तार के साथ बढ़ रहा है. हालांकि, इसके प्रसार की रोकथाम के लिए बड़े स्तर पर करीब-करीब सभी देशों में व्यापक स्तर पर वैक्सनेशन शुरू किया जा चुका है. इस बीच अमेरिकी दवा निमार्ता कपनी Pfizer के सीईओ ने अल्बर्ट बौर्ला ने कहा कि कोरोना के पूरी डोज लेने के साल भर के अंदर तीसरी बार फाइजर-बायोएनटेक की कोविड-19 का टीका लेने की जरूरत पड़ सकती है.
बौर्ला ने गुरुवार को कहा कि संभवत: ऐसा हो सकता है कि लोगों को कोरोना की वैक्सीन हर साल लेने की जरूरत पड़े. उन्होंने सीएनबीसी के साथ बात करते हुए कहा- हमें यह देखना होगा कि आगे कब तक कि आगे क्या होता है और इसे हमें कब तक करने की जरूरत पड़ सकती है. यह देखने वाली बात होगी.
उन्होंने कहा- एक परिदृश्य ये बन सकता है कि छह से 12 महीने के बीच तीसरी वैक्सीन डोज की जरूरत पड़े और उसके बाद हर साल दोराबा वैक्सीनेशन करना पड़े. लेकिन इन सभी चीजों की पुष्टि होना अभी बाकी है. इसके अलावा, फिर से वैरिएंट्स की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होगा.
गौरतलब है कि फाइजर ने इससे पहले कहा था कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन 91 फीसदी कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ प्रभावी है और वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के बाद गंभीर बीमीरियों के मामले में यह 95 फीसदी तक प्रभावी है. यह आंकड़ा 12 हजार प्रतिभागियों पर किए गए परीक्षण के बाद सामने आया है.
इससे पहले जॉनसन एंड जॉनसन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एलेक्स गोर्सकी ने फरवरी में बताया था कि लोगों को कोविड-19 के खिलाफ सालाना टीकाकरण की आवश्यकता हो सकती है, ठीक उसी तरह जैसे मौसमी फ्लू की वैक्सीन. शोधकर्ता अभी भी नहीं जानते हैं कि पूरी तरह वैक्सीन के डोज लगवा लेने के बावजूद वायरस के खिलाफ सुरक्षा कब तक रहती है.
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