नई दिल्लीः ब्रिटेन मंगलवार को Pfizer-BioNTech की Corona Vaccine अभियान शुरू करने वाला पहला पश्चिमी देश बन गया. Pfizer ने भारत में कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए सरकार से मंजूरी मांगी है. फिलहाल Pfizer-BioNTech की Corona Vaccine के शुरुआती इस्तेमाल पर Pfizer के मुख्य कार्यकारी अल्बर्ट बोर्ला का कहना है कि 'लोगों को विश्वास होना चाहिए कि यह सुरक्षित और प्रभावी है.'


अल्बर्ट बोर्ला के अनुसार "वैक्सीन लगाने का फैसला केवल आपके स्वास्थ्य को प्रभावित नहीं कर रहा है, यह दूसरों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है, और संभवत: उन लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है, जिन्हें आप प्यार करते हैं." इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फार्मास्यूटिकल मैन्युफैक्चरर्स एंड एसोसिएशन (IFPMA) की ओर से आयोजित की गई एक वर्चुअल मीडिया ब्रीफिंग में अल्बर्ट बोर्ला ने बताया "हमने किसी भी तरह की कोई संभावना की कटौती नहीं की है. इस टीके का वास्तव में कई चरणों में परीक्षण किया गया है'


बोर्ला का कहना है कि कंपनी यह सुनिश्चित करने पर जोर दे रही थी कि केवल सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन को बाजार में लाया जाए, वहीं इस पर वैज्ञानिक शब्दों के बजाय राजनीतिक चर्चा ने लोगों को भ्रमित करने का काम किया है. जिससे लोग नहीं जानते कि किस पर विश्वास करना है और क्या विश्वास करना है. उनका कहना है कि इस पर अमेरिका में गंभीर रूप से राजनीतिकरण किया गया है.



बता दें कि उत्तरी आयरलैंड की एक 90 वर्षीय महिला यूके के सामूहिक टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत में Pfizer-BioNTech की Corona Vaccine लगाने वाली दुनिया की पहली शख्स बन गई हैं. वहीं दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन लेने के बाद कीनन ने कहा, 'दुनिया में कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन लेते हुए मुझे विशेषाधिकार महसूस हुआ है. यह मेरे लिए सबसे अच्छा जन्मदिन है.


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