Pfizer COVID-19 Vaccine: ब्रिटेन ने दुनिया में सबसे पहले Pfizer-BioNTech वैक्सीन के इस्तेमाल को दी मंजूरी
फाइजर/बायोएनटेक कोरोना वायरस वैक्सीन को ब्रिटेन ने मंजूरी दे दी है. ऐसा करने वाला ब्रिटेन दुनिया का पहला देश बन गया है. अब जल्द ही ब्रिटेन में आम लोगों को कोरोना वायरस की वैक्सीन दी जाएगी.
लंदन: दुनिया में कोरोना वायरस के कारण हाहाकार मचा हुआ है. हर रोज कोरोना वायरस के नए संक्रमित मरीजों की पुष्टि हो रही है. वहीं कोरोना वायरस के कारण मरने वाले लोगों का आंकड़ा भी बढ़ता ही जा रहा है. इस बीच दुनिया के लोगों को कोरोना वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार है. वहीं अब लोगों का ये इंतजार खत्म होने की कगार पर आ चुका है. दरअसल, फाइजर/बायोएनटेक कोरोना वायरस वैक्सीन को ब्रिटेन ने आम लोगों के इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है. ऐसा करने वाला ब्रिटेन दुनिया का पहला देश बन गया है.
दुनिया में कोरोना वायरस (कोविड-19) के कारण 6.4 करोड़ से ज्यादा मरीज संक्रमित हो चुके हैं. वहीं ब्रिटेन में अब तक कोरोना वायरस के कारण 16 लाख से ज्यादा लोग बीमार हो चुके हैं. इस बीच ब्रिटेन में अब आम लोगों के इस्तेमाल के लिए कोरोना वायरस की वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है. फाइजर/बायोएनटेक कोरोना वायरस वैक्सीन को ब्रिटेन में आम लोगों के इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी गई है. अब जल्द ही ब्रिटेन में आम लोगों को कोरोना वायरस की वैक्सीन दी जाएगी.
95 फीसदी तक सुरक्षा
ब्रिटिश नियामक एमएचआरए का कहना है कि कोरोना वायरस के खिलाफ 95 फीसदी तक सुरक्षा प्रदान करने वाली वैक्सीन लोगों के बीच उपलब्ध कराए जाने के लिए तैयार है. उच्च प्राथमिकता वाले समूहों में लोगों के टीकाकरण की प्रक्रिया कुछ ही दिनों में शुरू की जाएगी. वहीं ब्रिटेन ने पहले ही वैक्सीन की चार करोड़ खुराक का आदेश दे रखा है. जो कि 2 करोड़ लोगों के टीकाकरण के लिए पर्याप्त हैं. वहीं प्रत्येक को वैक्सीन की दो खुराक दी जाएगी. इसके अलावा वैक्सीन की एक करोड़ खुराक जल्द ही उपलब्ध करवाई जाएगी.
वैक्सीन का नया प्रकार
यह वैक्सीन का एक नया प्रकार है जिसे एमआरएनए वैक्सीन कहा जाता है, जो शरीर को कोविड-19 से लड़ने और प्रतिरक्षा का निर्माण करने के लिए कोविड-19 के वायरस से आनुवंशिक कोड के एक छोटे टुकड़े का उपयोग करता है. एक एमआरएनए वैक्सीन को पहले कभी भी मनुष्यों में उपयोग के लिए अनुमोदित नहीं किया गया था, हालांकि लोगों को क्लिनिकल ट्रायल के रूप में जरूर ये वैक्सीन दी जा चुकी है.
कैसे होगा वैक्सीन का रखरखाव?
कोरोना वायरस वैक्सीन का रखरखाव भी काफी अहम है. इस वैक्सीन को लगभग -70C पर संग्रहित किया जाना चाहिए. इसके अलावा इस वैक्सीन को विशेष बक्सों में ले जाया जाएगा, जिसे सूखी बर्फ में इसे पैक किया जाएगा. इसके बाद इस वैक्सीन को एक बार अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचाने के बाद इसे फ्रिज में पांच दिनों तक रखा जा सकता है.
किसे और कब मिलेगी?
विशेषज्ञों ने एक प्रोविजनल प्राथमिकता सूची तैयार की है, जो उच्चतम जोखिम वाले लोगों को लक्षित करती है. इनमें स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल करने वाले लोग शामिल है. वहीं वैक्सीन का पहला स्टॉक क्रिसमस से पहले मुहैया हो जाएगा. आम लोगों को वैक्सीन के दो इंजेक्शन दिए जाएंगे, जिनमें 21 दिनों का अंतराल होगा.
कोरोना नियमों का करना होगा पालन
विशेषज्ञों की ओर से कहा गया है कि आमतौर पर वैक्सीन के निर्माण में दशकों लग जाते हैं लेकिन समान विकासात्मक चरणों का पालन करते हुए इस वैक्सीन को बनाने में 10 महीने लगे हैं. अगले हफ्ते से टीकाकरण शुरू हो सकता है. हालांकि फिर भी लोगों को कोरोना वायरस के नियमों का पालन करना होगा.
ब्रिटेन में कोरोना से कितनी मौतें?
बता दें कि ब्रिटेन में लगातार कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है. हर रोज नए कोरोना वायरस के संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं. वहीं ब्रिटेन में अब तक 59 हजार से ज्यादा लोगों की कोरोना वायरस के कारण मौत हो चुकी है. ऐसे में ब्रिटेन लोगों को जल्द ही कोरोना वैक्सीन मुहैया करवाई जाएगी, जिसके बाद इस महामारी से छुटकारा मिलने की उम्मीद की जा रही है. वहीं दुनिया में भी कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. दुनिया में 6.4 करोड़ से ज्यादा कोरोना मरीज सामने आ चुके हैं. वहीं 14.8 लाख से ज्यादा लोगों की कोरोना के कारण मौत हो चुकी है. इसके अलावा 4.4 करोड़ लोगों का इलाज किया जा चुका है.
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