हैदराबाद: फाइजर इंक ने पेटेंट उल्लंघन मामले को लेकर अमेरिकी अदालत में मुकदमा दायर किया है. आरोप है कि अरविंदो फार्मा लिमिटिड और डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज पेटेंट समाप्त होने से पहले फाइजर की दवा इब्रांस (पाल्बोसिक्लिब) का जेनेरिक संस्करण लाने की तैयारी कर रही हैं. जिससे कंपनी को अरबों डॉलर के राजस्व नुकसान होने की आशंका है.


दो भारतीय दवा कंपनियों के खिलाफ अमेरिका में मुकदमा 


फाइजर ने डेलावेयर की जिला अदालत में अरविंदो फार्मा के खिलाफ और न्यूजर्सी की अदालत में डॉ. रेड्डीज के खिलाफ पेटेंट के संभावित उल्लंघन का मामला दर्ज कराया है. पाल्बोसिक्लिब का इस्तेमाल कुछ प्रकार के ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में होता है. दवा को कैंसर के फैलने की रफ्तार को धीमा करने या रोकने में असरदार पाया गया है. फाइजर की 2019 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में इब्रांस की वैश्विक बिक्री पांच अरब डॉलर रही है. अकेले अमेरिका में ही उसने दवा की बिक्री से 3.25 अरब डॉलर जुटाए थे.


फाइजर इंक ने अदालत में पेटेंट उल्लंघन पर किया केस


मार्च, 2019 में कई जेनेरिक दवा कंपनियों ने घोषणा की थी कि उन्होंने इब्रांस के जेनेरिक संस्करण के लिए अमेरिका के खाद्य एवं दवा प्रशाासन (एफडीए) के समक्ष आवदेन किया है. अमेरिका में फाइजर इंक समेत उसके समूह की कंपनियों की तरफ से दायर मुकदमे के मामले में भारत की दोनों कंपनियों को पेटेंट उल्लंघन का सामना करना होगा. फाइजर आवेदन पर भारतीय दवा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अमेरिका में जेनेरिक दवा कंपनियों के खिलाफ केस करना साधारण बात है. मुकदमे से कंपनी की कार्य प्रगति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.


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