Philippines Warning: फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने भारत को मित्र देश बताते हुए सम्बंधों को और मजबूत करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय स्थिरता में भारत मददगार स्तंभ है. इसके साथ ही उन्होंने चीन को दक्षिण चीन सागर में सीमा नहीं लांघने की चेतावनी दी है. राष्ट्रपति ने कहा कि चीन के किसी भी कृत्यों से यदि फिलीपींस के किसी नागरिक की जान जाती है तो फिलीपींस इसे युद्ध के लिए उकसावा मानेगा और जवाबी कार्रवाई करेगा.
फर्डिनेंड मार्कोस शुक्रवार को वार्षिक शांगरी-ला संवाद में बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा, 'हम अपने देश की सेना को उन क्षेत्रों में तैनात करने की क्षमता विकसित करेंगे, जहां हमें संवैधानिक कर्तव्य और अपने हितों की रक्षा तथा अपनी विरासत को संरक्षित करने की जरूरत होगी.' उन्होंने कहा कि फिलीपींस क्षेत्रीय स्थिरिता के स्तंभों के निर्माण क्रम में भारत और दक्षिण कोरिया के साथ अपने संबंधों को अधिक गहरा करेगा.
दक्षिण चीन सागर पर इन देशों का दावा
मार्कोस ने दक्षिण चीन सागर और हिंद प्रशांत क्षेत्र में तनाव की स्थिति के बारे में भी चर्चा की. उन्होंने कहा, 'जिस तरह से हम अंतरराष्ट्रीय मामलों में कानूनी प्रक्रिया अपनाते हैं, उसी तरह से समुद्री क्षेत्र में अपने हितों की रक्षा के लिए देश की क्षमताओं का निर्माण करेंगे.' उन्होंने दक्षिण चीन सागर में चीन को सीमा पार नहीं करने की चेतावनी दी है. दरअसल, चीन पूरे साउथ चीन सागर पर दावा करता है, जबकि दूसरी तरफ ताइवान, फिलीपीन, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी इसके कुछ हिस्सों पर दावा करते हैं.
भारत -फिलीपींस के बीच रक्षा सहयोग
फिलीपींस साउथ चीन सागर में अपनी स्थित मजबूत करने के लिए भारत के साथ रक्षा समझौता किया है. इसके तहत फिलीपीन ने भारत के साथ साल 2022 में 37.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर का समझौता किया था. भारत ने इस अनुबंध के तहत बीते अप्रैल में फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलों का खेप भेजा था. इसके अलावा भारत और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संगठन 'आसियान' के बीच कई सहयोग समझौते हुए हैं, इनमें फिलीपीन एक प्रमुख सदस्य है.
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