लंदन: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने देश में कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए लोगों की आवाजाही पर तीन हफ्ते के लिए सख्त प्रतिबंध लगा दिए हैं. वायरस के चलते देश में अब तक कुल 335 लोगों की मौत हो चुकी है.


सोमवार को देश के नाम संबोधन में पीएम बोरिस ने कहा कि कोई भी प्रधानमंत्री अपने लोगों पर इस तरह का दबाव नहीं बनाना चाहता लेकिन हालात इस तरह के हैं कि उन्हें लोगों की आवाजाही को प्रतिबंधित करने और दो से अधिक लोगों के जुटने पर उनके खिलाफ कार्रवाई करने को मजबूर होना पड़ा है.


लोगों को अपने घर से केवल बहुत जरूरी सामानों के लिए बाहर निकलने का संदेश देते हुए जॉनसन ने कहा, "आज शाम से मैं ब्रिटेन के लोगों को बहुत साधारण निर्देश दे रहा हूं, आप घर पर ही रहें."


जरूरी सामान खरीदने की होगी इजाजत


प्रतिबंद के दौरान लोगों को केवल जरूरी सामान खरीदने, किसी चिकित्सीय जरूरत, किसी जरूरतमंद व्यक्ति की देखभाल या मदद के लिए या फिर काम के सिलसिले में आने-जाने की इजाजत होगी, लेकिन उसी सूरत में जब काम घर से नहीं हो सकता है.


'नियम तोड़े तो होगी कार्रवाई'


प्रधानमंत्री ने कहा, "आपको दोस्तों से मुलाकात नहीं करनी है, अगर आपके दोस्त आपको मिलने के लिए बुलाते हैं तो आपको ना कहना होगा. जो परिवार के सदस्य आपके घर में नहीं रहते हैं उनसे आपको मुलाकात नहीं करनी है." जॉनसन ने चेताया कि जो भी इन सख्त नियमों का उल्लंघन करेगा उसे पुलिस की कार्रवाई का सामना करना होगा. इसी तरह की सख्ती दुनिया के अन्य देशों में भी देखने को मिल रही है.


फ्रांस में भी होगी सख्ती


फ्रांस भी इस वायरस से निपटने के लिए लॉकडाउन (बंद) के नियमों को सख्त करने वाला है, जिसके तहत वह व्यायाम को सीमित करेगा और खुले में लगने वाले बाजारों को बंद करेगा. प्रधानमंत्री एडवर्ड फिलिप ने सोमवार को एक इंटरव्यू में कहा कि वह एक किलोमीटर से ज्यादा की जॉगिंग और खुले में लगने वाले बाजारों को बंद करने के लिए मंगलवार को एक आदेश पर साइन करेंगे. हालांकि स्थानीय अधिकारी कुछ मामलों में राहत देने की मांग कर सकते हैं.


अफ्रीका 21 दिनों के लिए बंद


वहीं अफ्रीका के सबसे इंडस्ट्रिलाइज इकोनॉमी और 5.7 करोड़ की आबादी वाले देश दक्षिण अफ्रीका में गुरुवार से 21 दिन के लिए राष्ट्रव्यापी बंद प्रभावी होगा. देश में कोविड-19 के मामले 402 पर पहुंचने के बाद राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने सोमवार को इसकी घोषणा की. रवांडा और ट्यूनीशिया के बाद दक्षिण अफ्रीका तीसरा अफ्रीकी देश है जिसने जरूरी आर्थिक गतिविधियों के अलावा सब काम रोक दिए हैं.


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