Political Crisis In Pakistan: पीएम इमरान खान ने इस्तीफे की कोई पेशकश नहीं की, प्रधानमंत्री के विशेष सहायक का दावा
Political Crisis In Pakistan: राजनीतिक संचार के लिए प्रधानमंत्री के विशेष सहायक डॉ शाहबाज गिल ने विपक्ष पर विदेशी ताकतों के इशारे पर प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया.
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Political Crisis In Pakistan: राजनीतिक संचार के लिए प्रधानमंत्री के विशेष सहायक डॉ शाहबाज गिल ने दावा किया कि पीएम ने इस्तीफा देने या विपक्ष के साथ कोई बीच का रास्ता निकालने की पेशकश नहीं की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री विपक्षी पार्टियों का डटकर मुकाबला करेंगे. गिल ने विपक्ष पर विदेशी ताकतों के इशारे पर प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान की जंग साम्राज्यवाद के खिलाफ है.
गिल ने दावा किया कि बाहर के मुल्क से बैठकर यह निर्देश दिया जा रहा है कि इमरान खान को हटाना है और अगर ऐसा नही हुआ तो इसके गंभीर नतीजे होंगे. उन्होंने कहा कि किसी की धमकी पर किसी को प्रधानमंत्री नहीं बनाया जा सकता है.
'आवाम इमरान के साथ खड़ी होगी'
गिल ने कहा कि पाकिस्तान की आवाम इमरान के साथ जुड़कर खड़ी होगी, पाकिस्तान में किस को प्रधानमंत्री बनाना या हटाना है यह इस मुल्क की आवाम तय करेगी, कोई और नहीं. इमरान खान की लड़ाई साम्राज्यवाद के खिलाफ है. हालांकि उन्होंने किसी भी देश का नाम लेने से इनकार कर दिया.
बता दें प्रधानमंत्री इमरान खान दावा कर रहे हैं कि विपक्ष द्वारा पेश अविश्वास प्रस्ताव उनकी विदेश नीति के विरोध में रची गई एक ‘विदेशी साजिश’ का नतीजा है और उन्हें सत्ता से बेदखल करने के लिए विदेश से धन की आपूर्ति की जा रही है. बुधवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेतृत्व वाली सरकार ने दावा किया कि प्रधानमंत्री के खिलाफ विदेशी साजिश से जुड़े आरोप एक राजनयिक केबल पर आधारित हैं, जो विदेश में पाकिस्तान के एक मिशन से प्राप्त हुआ है.
‘द डॉन’ अखबार के मुताबिक, इमरान सरकार ने शुरुआत में यह पत्र पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश के साथ साझा करने की पेशकश की थी, लेकिन बाद में प्रधानमंत्री ने अपनी कैबिनेट के सदस्यों को भी पत्र में मौजूद सामग्री के बारे में भी जानकारी दी.
अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, इसके बाद पत्रकारों के एक समूह को प्रधानमंत्री के साथ उनकी बातचीत के दौरान कैबिनेट बैठक का ब्योरा दिया गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि बैठक में भले ही किसी विदेशी सरकार का नाम नहीं लिया गया था, लेकिन पत्रकारों को बताया गया था कि संबंधित देश के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पाकिस्तानी राजदूत को सूचित किया था कि उन्हें इमरान की विदेश नीति से समस्या है, खासतौर पर रूस की उनकी यात्रा और यूक्रेन युद्ध के संबंध में उनके रुख को लेकर.
बहुमत खो चुके हैं इमरान
बता दें पाकिस्तान के संकटग्रस्त प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को संसद में उस समय बहुमत खो दिया, जब सत्तारूढ़ गठबंधन का एक प्रमुख भागीदार मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) विपक्षी खेमे में शामिल हो गया. विपक्षी खेमे ने नेशनल असेंबली में इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है.
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