पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान एक पत्र शेयर करने के लिए तैयार हैं, जिसे लेकर उन्होंने दावा किया है कि पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) की 27 मार्च की रैली के दौरान उनकी सरकार को गिराने के लिए इसमें विदेशी वित्त पोषित साजिश (foreign funded conspiracy) के सबूत हैं.
इमरान खान के नेतृत्व वाली पीटीआई पार्टी की सरकार गिराने के लिए विदेशी ताकतों के सबूत होने का दावा करते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश (सीजेपी) उमर अता बंदियाल के साथ यह पत्र शेयर करने वाले हैं. संघीय मंत्री असद उमर ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
अगर किसी को संदेह है, तो प्रधानमंत्री तैयार हैं- मंत्री असद उमर
सूचना मंत्री फवाद चौधरी के साथ इस्लामाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए योजना और विकास मंत्री असद उमर ने कहा कि उन्होंने खुद पत्र देखा है, अगर किसी को संदेह है, तो प्रधानमंत्री तैयार हैं, उन्होंने सोचा कि हम सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश के साथ शेयर कर सकते हैं.
उन्होंने आगे कहा, "जाहिर है यह पाकिस्तान में न्याय का सर्वोच्च पद है, यह एक बहुत बड़ा पद है, जिसका इस देश में सम्मान है. व्यक्तिगत रूप से भी प्रधान न्यायाधीश की बहुत अच्छी प्रतिष्ठा है. प्रधानमंत्री ने कहा है यदि आवश्यक हो, लोगों की संतुष्टि के लिए वे सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र पेश करने के लिए तैयार हैं."
कंटेंट की समीक्षा करना सीजेपी का 'न्यायिक कार्य' नहीं- मंत्री फवाद चौधरी
इस संबंध में सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने आगे स्पष्ट किया कि पत्र के कंटेंट की समीक्षा करना प्रधान न्यायाधीश का 'न्यायिक कार्य' नहीं है. उन्होंने कहा कि पत्र उनके साथ सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की हैसियत से शेयर नहीं किया जाएगा, बल्कि देश में एक उच्च और सम्मानजनक पद पर आसीन व्यक्ति के रूप में साझा किया जाएगा.
वहीं, मंत्री असद उमर ने कहा कि पत्र नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पेश करने से पहले का है. उन्होंने कहा, "यह एक बहुत ही चिंताजनक बात है और यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस पत्र में स्पष्ट रूप से अविश्वास प्रस्ताव का उल्लेख है. इसमें कोई अस्पष्टता नहीं है कि अविश्वास प्रस्ताव के बारे में बात की जा रही है."
पत्र के कंटेंट ने पीएम इमरान को हटाने को 'अच्छा परिणाम' करार दिया गया है- मंत्री
मंत्री ने आगे कहा कि पत्र में कहा गया है कि अगर इमरान खान प्रधानमंत्री बने रहे, तो इसके भयानक परिणाम होंगे. इसके अलावा मंत्री ने कहा कि पत्र के कंटेंट ने पीएम इमरान को हटाने को 'अच्छा परिणाम' करार दिया. उन्होंने कहा कि 27 मार्च को अपने संबोधन के दौरान पीएम इमरान ने जिस खतरे के बारे में पत्र की प्रासंगिकता के बारे में बात की थी, वह अविश्वास प्रस्ताव से सीधे जुड़ा हुआ है.
पीएम इमरान खान ने अपने संबोधन के दौरान कहा था, पाकिस्तान में सरकार बदलने के प्रयास विदेशी पैसे के जरिए किए जा रहे हैं. हमारे लोगों का इस्तेमाल किया जा रहा है. ज्यादातर अनजाने में, लेकिन कुछ लोग हमारे खिलाफ पैसे का इस्तेमाल कर रहे हैं. हमें लिखित में धमकी दी गई है, लेकिन हम राष्ट्रीय हित से समझौता नहीं करेंगे."
ये भी पढ़ें-