प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि संस्कृति, खान-पान और क्रिकेट भारत और गुयाना को गहराई से जोड़ते हैं और ये समानताएं दोनों देशों के बीच मित्रता का मजबूत आधार हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने गुयाना में गुरुवार (21 नवंबर, 2024) को एक सामुदायिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारतीय-गुयाना समुदाय की सराहना की और कैरेबियाई राष्ट्र के विकास में उसके योगदान की प्रशंसा की.
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के साझा मूल्य मित्रता के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करते हैं. उन्होंने कहा, 'विशेष रूप से तीन चीजें- संस्कृति, खानपान और क्रिकेट भारत और गुयाना को गहराई से जोड़ती हैं.' प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों को अपनी समृद्ध और विविध संस्कृति पर गर्व है.
उन्होंने कहा, 'हम विविधता को केवल समायोजित करने के नहीं, बल्कि जश्न मनाने के आधार के रूप में देखते हैं. हमारे देश ये दिखाते हैं कि सांस्कृतिक विविधता किस प्रकार हमारी ताकत है.' प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारतीय-गुयाना समुदाय की भोजन संबंधी एक अनूठी परंपरा है जिसमें भारतीय और गुयाना दोनों तत्वों का मिश्रण है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'क्रिकेट के प्रति प्रेम भी हमारे देशों को आपस में जोड़ता है. यह सिर्फ एक खेल नहीं है. यह जीवन जीने का एक तरीका है जो हमारी राष्ट्रीय पहचान में गहराई से समाया हुआ है.' उन्होंने कहा, 'हमारे कई क्रिकेट प्रशंसकों ने इस वर्ष आपके द्वारा आयोजित टी-20 विश्व कप का आनंद लिया. गुयाना में टीम इन ब्लू (भारतीय टीम) के मैच के दौरान आपके उत्साह को भारत में भी सुना जा सकता था.'
उन्होंने भारतीय-गुयाना समुदाय की सराहना करते हुए कहा, 'आपने स्वतंत्रता और लोकतंत्र के लिए लड़ाई लड़ी है. आपने गुयाना को सबसे तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनाने के लिए काम किया है.' पीएम मोदी ने प्रवासी समुदाय को राष्ट्रदूत बताते हुए कहा कि वे भारतीय संस्कृति और मूल्यों के राजदूत हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर बल दिया कि भारत-गुयाना समुदाय का यह दोहरा सौभाग्य है कि गुयाना उसकी मातृभूमि और भारत माता उसकी पैतृक भूमि है. प्रधानमंत्री मोदी ने दो दशक पहले की गुयाना की अपनी यात्रा को याद करते हुए कहा कि वह एक जिज्ञासु यात्री के तौर पर देश आए थे. उन्होंने कहा कि तब से अब तक बहुत कुछ बदल गया है लेकिन गुयाना के मेरे भाइयों और बहनों का प्रेम और स्नेह वैसा ही है. उन्होंने कहा, 'मेरे अनुभव ने इस बात की पुष्टि की है कि आप किसी भारतीय को भारत से बाहर ले जा सकते हैं लेकिन किसी भारतीय से मन से भारत को नहीं निकाल सकते.'
पीएम मोदी ने भारत और गुयाना को जोड़ने वाले साझा इतिहास पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, 'दोनों देशों ने औपनिवेशिक शासन के खिलाफ संघर्ष किया. दोनों राष्ट्रों में लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए प्रेम और विविधता के लिए सम्मान है.' प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'हमारा एक साझा भविष्य है जिसे हम आकार देना चाहते हैं. हम विकास और प्रगति की आकांक्षाओं, अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी के प्रति प्रतिबद्धता और न्यायपूर्ण एवं समावेशी वैश्विक व्यवस्था में विश्वास रखते हैं.'