नई दिल्लीः मालदीव और श्रीलंका का द्विपक्षीय दौरा कर लौटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब बहुपक्षीय मुलाकातों का सिलसिला भी शुरू कर रहे हैं. सत्ता की दूसरी पारी का दूसरा सप्ताह खत्म होने से पहले पीएम मोदी शंघाई सहयोग संगठन के मंच पर नज़र आएंगे. किर्गिस्तान में हो रहे एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए मोदी बिश्केक जा रहे हैं. बिश्केक में ही पीएम मोदी का आमना-सामना पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से भी होगा.


रिश्तों के मौजूदा सूरते-हाल दोनों नेताओं की ऐसी मुलाकात से बातचीत के किसी नए सिलसिले के शुरू होने की उम्मीद तो धुंधली है. मगर मेल-जोल ठीक हुआ तो इससे सम्बंधों में तनाव कम करने का कोई गलियारा निकालने की संभावना जरूर बन सकती है. विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत और पाकिस्तान के नेताओं के बीच एससीओ शिखर सम्मेलन के हाशिए पर फिलहाल किसी द्विपक्षीय मुलाकात का कोई कार्यक्रम नहीं है. न ही किसी तरह की औपचारिक भेंट का कोई कार्यक्रम.

मगर इस बीच कूटनीतिक संकेतों के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच आमना-सामना होने पर दुआ-सलाम या अनौपचारिक संवाद की संभावना से इनकार भी नहीं किया जा रहा. सूत्रों के मुताबिक दोनों नेताओं के रूबरू होने का पहला मौका होगा. ऐसे में अगर दोनों नेताओं के आपस में बात करने का भी अवसर होगा.


पीएम मोदी 13 जून की सुबह रवाना बिश्केक रवाना होंगे. सूत्रों के मुताबिक भारतीय प्रधानमंत्री की फ्लाइट के पाकिस्तानी आसमान पर से गुजरने के लिए पाक सरकार से इजाजत मांगी गई है. हालांकि सूत्रों के अनुसार भारत सरकार को अभी तक पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर इस बाबत इजाजत के लिए कोई इत्तेला नहीं की है. हालांकि माना जा रहा है कि पाकिस्तान की तरफ से यह इजाजत मिल जाएगी. बीते माह तत्कालीन भारतीय विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ही जब एससीओ विदेशमन्त्रियों की बैठक के बिश्केक जा रहीं थी उनकी यात्रा के लिए पाकिस्तान ने इजाजत दे दी थी.


महत्वपूर्ण है कि पाकिस्तान ने फरवरी 2019 में भारत की ओर से की गई बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद से अपनी एयर स्पेस भारतीय विमानों के लिए बंद कर दी थी. इसका बहुत बड़ा हिस्सा अब भी बंद ही है जिसके कारण भारतीय विमानों को खास लंबा रास्ता लेना पड़ रहा है.


इस बीच भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों की मुलाकात की अटकलों के बीच इस बात के संकेत साफ हो गए है कि पीएम मोदी एससीओ के मंच से भी आतंकवाद के मुद्दे को प्रमुखता से उठाएंगे. पीएम के यात्रा कार्यक्रम की जानकारी साझा करने मीडिया से रुबरू हुए विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) गीतेश शर्मा ने कहा कि आतंकवाद, चरमपंथ और संगठित अपराध के खिलाफ़ सहयोग एससीओ का एक अहम विषय है. लिहाज़ा भारत की तरफ से पीएम मोदी आतंकवाद के विषय पर वो सभी बातें रखेंगे जो ज़रूरी हैं. ध्यान रहे कि हाल ही में एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत ने पुलवामा हमले के घावों का मुद्दा भी उठाया था.


गौरतलब है कि एससीओ के परचम तले क्षेत्रीय आतंकवाद निरोधक ढांचा भी बनाया गया है. साल 2017 में एससीओ का सदस्य बनने के बाद से भारत इस ढांचे को मजबूत करने पर ज़ोर दे रहा हैं. पीएम मोदी 14 जून को एससीओ शिखर सम्मेलन को सम्बोधित करेंगे और फिर उसी शाम स्वदेश रवाना हो जाएंगे. वापसी से पहले पीएम मोदी तीन नेताओं के साथ निश्चित मिलेंगे. इसमें चीन और रूस के राष्ट्रपति के अलावा मेज़बान किर्गिस्तान के राष्ट्रपति भी शामिल हैं.


चीन और रूस के राष्ट्रपति से मिलेंगे पीएम मोदी
एससीओ शिखर सम्मेलन में शिरकत करने किर्गिस्तान जा रहे पीएम नरेंद्र मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रध्यक्ष सही जिनपिंग से मुलाकात करेंगे. लगातार दूसरी बार भारत का प्रधानमंत्री बनने के बाद यह पहला मौका होगा जब पीएम मोदी की मुलाकात सुरक्षा परिषद के सदस्य इन दोनों मुल्कों के नेताओं से होगी. रूस जहां भारत का पुराना रणनीतिक साझेदार है वहीं चीन भारत का सबसे बड़ा पड़ोसी मुल्क और प्रतिस्पर्धी भी.


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