Mikhail Gorbachev Death: पीएम मोदी बोले- गोर्बाचेव के दौर में भारत-रूस संबंधों को मिली नई ऊंचाई
Mikhail Gorbachev: सोवियत संघ के पूर्व नेता गोर्बाचेव का लंबी बीमारी के बाद मॉस्को के एक अस्पताल में निधन हो गया, वह 91 साल के थे.
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PM Modi Condoles On Gorbachev Demise: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने सोवियत संघ के अंतिम नेता और पूर्व राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव (Mikhail Gorbachev) के निधन पर गुरुवार को शोक व्यक्त किया. गोर्बाचेव काफी समय से बीमार थे. मंगलवार को मॉस्को के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया था, वह 91 वर्ष के थे.
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘मैं मिखाइल गोर्बाचेव के परिवार और दोस्तों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. वह 20वीं सदी के प्रमुख राजनेताओं में से एक हैं, जिन्होंने इतिहास में अमिट स्थान बनाया है.’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद रखेंगे.’
I extend our deepest condolences to the family and friends of H.E. Mr. Mikhail Gorbachev, one of the leading statesmen of the 20th century who left an indelible mark on the course of history. We recall and value his contribution to strengthening of relations with India.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 1, 2022
दो बार भारत आए गोर्बाचेव
गोर्बाचेव 1985 से 1991 तक सोवियत संघ के नेता थे. उन्होंने 1986 में और 1988 में भारत की यात्रा की थी. 1991 में सोवियत संघ का विघटन हो गया था. मिखाइल गोर्बाचेव के अमेरिकी राष्ट्रपति रीगन के साथ गर्मजोशी भरे रिश्तों की वजह से ही बगैर खून खराबे के शीत युद्ध का अंत हुआ था. अमेरिका के साथ उन्होंने निरस्त्रीकरण समझौता किया. गोर्बाचेव के कार्यकाल में भारत को टी-72 जैसे टैंक समेत विभिन्न सैन्य साजो सामान मिले थे.
गरीब किसान के बेटे थे गोर्बाचेव
गोर्बाचेव के पिता रूसी तो उनकी मां यूक्रेन की थीं. वह बेहद अनुशासित महिला थीं. उन्होंने एक कट्टर रूढ़वादी ईसाई से गोर्बाचेव का गुप्त बप्तिस्मा कराया था. गोर्बाचेव ने सोवियत संघ में राजनीतिक सुधार किए. कम्युनिस्ट शासन में सुधार का बीड़ा उठाते हुए उन्होंने ग्लास्तनोस (खुलापन) और पेरेस्त्रोइका (पुनर्गठन) नीति पेश की. उन्होंने मीडिया और कला जगत को भी सांस्कृतिक आजादी दिलाई.
पुतिन ने भी दी श्रद्धांजलि
गोर्बाचेव के पुतिन के साथ संबंध अच्छे नहीं थे. पुतिन सोवियत संघ के टूटने को त्रासदी मानते हैं. पुतिन के साथ कई रूसी नेता मानते हैं कि सोवियत संघ के टूट जाने के बाद सोवियत संघ कमजोर पड़ गया. हालांकि उनके निधन पर राष्ट्रपति पुतिन ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी.
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