जल्द भारत में होगा नीरव मोदी और विजय माल्या! PM मोदी ने UK PM से प्रत्यर्पण पर की बात
ब्राजील में हुई इस अहम बैठक से संकेत मिलता है कि नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ ब्रिटेन जल्द ही ठोस कदम उठा सकता है.
PM modi In G20 Summit: जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान ब्राजील में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के बीच हुई बैठक में भारत-ब्रिटेन संबंधों को नई दिशा देने के साथ ही भगोड़े आर्थिक अपराधियों जैसे नीरव मोदी और विजय माल्या पर कार्यवाही को लेकर बातचीत हुई. यह पहली बार है जब दोनों नेताओं ने इस मुद्दे पर खुलकर चर्चा की है, जिससे इस मामले में तेजी आने की संभावना है.
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों नेताओं ने माइग्रेशन और प्रत्यर्पण से जुड़ी प्रक्रियाओं को तेज करने पर सहमति व्यक्त की. पीएम मोदी ने ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर से नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे भगोड़ों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का मुद्दा उठाया. इसके अलावा अर्थव्यवस्था, व्यापार, तकनीकी नवाचार, और ग्रीन इकोनॉमी के क्षेत्रों में सहयोग को लेकर भी चर्चा हुई. इस दौरान पीएम मोदी ने भारत-ब्रिटेन के प्रत्यर्पण मामलों को तेज करने की जरूरत पर बल दिया.
नीरव मोदी पीएनबी घोटाले का आरोपी
पीएनबी घोटाला भारतीय बैंकिंग इतिहास के सबसे बड़े घोटालों में से एक है. जहां से नीरव मोदी ने 2 अरब डॉलर की धोखाधड़ी कर ब्रिटेन फरार हो गया. नीरव के बारे में मार्च 2018 में खबर मिली की वो ब्रिटेन में है. उसने वहां राजनीतिक शरण के लिए आवेदन किया है. लेकिन भारत सरकार उसे प्रत्यर्पित करने की कोशिश कर रही है. धोखधाड़ी के मामले में स्विस अधिकारियों ने जून 2019 में उसकी संपत्तियां और बैंक खाते फ्रीज कर दिया है, जिनकी कुल कीमत 6 मिलियन डॉलर है.
विजय माल्या 'विलफुल डिफॉल्टर' का मामला
विजय माल्या पर भारतीय बैंकों से लिए गए भारी कर्ज को चुकाने में विफल रहने का आरोप है.माल्या को 2017 में $40 मिलियन अपने बच्चों को ट्रांसफर करने के लिए अदालत की अवमानना का दोषी पाया गया. इसके लिए जुलाई 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को चार महीने जेल और जुर्माने की सजा सुनाई.
भारत-ब्रिटेन की रणनीतिक साझेदारी पर असर
नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे भगोड़ों पर कार्रवाई भारत-ब्रिटेन संबंधों में पारदर्शिता और विश्वास बढ़ाने के लिए एक अहम कदम साबित हो सकती है. इसके लिए माइग्रेशन और प्रत्यर्पण मामलों में तेजी लाने का निर्णय दोनों देशों के लिए एक सकारात्मक संकेत है. इस पहल से अन्य आर्थिक अपराधियों पर भी कार्रवाई का दबाव बनेगा.
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