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India In Indonesia: पीएम मोदी ने इंडोनेशिया और भारत में बताईं कई समानताएं, पढ़िए उनके भाषण की 10 बड़ी बातें
प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने इंडोनेशिया और भारत के मजबूत रिश्तों का जिक्र किया. पीएम ने कहा कि भारत में अगर हिमालय है, तो बाली में अगुंग पर्वत है.
![India In Indonesia: पीएम मोदी ने इंडोनेशिया और भारत में बताईं कई समानताएं, पढ़िए उनके भाषण की 10 बड़ी बातें PM Modi In Indonesia modi told many similarities between Indonesia and India India In Indonesia: पीएम मोदी ने इंडोनेशिया और भारत में बताईं कई समानताएं, पढ़िए उनके भाषण की 10 बड़ी बातें](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/11/15/0708312da9b0e16bbffd39f9d0443fdc1668508929943607_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
पीएम मोदी ने इंडोनेशिया और भारत में बताई कई समानताएं
PM Modi in Indonesia: जी-20 समिट में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडोनेशिया की राजधानी बाली पहुंच चुके हैं. पीएम ने आज (मंगलवार को) यहां रहने वाले भारतीयों को संबोधित किया. प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने इंडोनेशिया और भारत के मजबूत रिश्तों का जिक्र किया. पीएम ने कहा कि भारत में अगर हिमालय है, तो बाली में अगुंग पर्वत है. भारत में अगर गंगा हैं, तो बाली में तीर्थ गंगा है. हम भी भारत में हर शुभ कार्य का श्रीगणेश करते हैं. यहां भी श्री गणेश घर-घर विराजमान हैं.
- इंडोनेशिया और भारत के मजबूत संबंधों का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि इंडोनेशिया में आप भगवान विष्णु और भगवान राम की पूजा करते हैं. भारत में अयोध्या में हमने राम मंदिर की आधारशिला रखते हुए इंडोनेशिया की रामायण की परंपरा को प्यार से संजोया है.
- पीएम मोदी ने कहा कि वर्ष 2018 में जब इंडोनेशिया में इतना बड़ा भूकंप आया था, तो तुरंत ऑपरेशन समुद्र मैत्री शुरू किया था. पीएम ने कहा कि आज जब पूरी दुनिया पर्यावरण के अनुकूल और Holistic health care की ओर आकर्षित हो रहा है तो भारत का योग और आयुर्वेद पूरी मानवता के लिए तोहफा है.
- पीएम ने कहा कि समंदर की विशाल लहरों ने भारत और इंडोनेशिया के संबंधों को उमंग से भरा है, जीवंत रखा है. लहर जैसी चलती रहती हैं, हमारा नाता भी जीवंत रहता है. भारत के ओडिशा में बाली जात्रा महोत्सव बहुत भव्यता के साथ मनाया जा रहा है. इसका मतलब ये हुआ कि ओडिशा में आज जो लोग इकट्ठा हुए हैं, उनका शरीर वहां है, लेकिन मन बाली में है.
- पीएम मोदी ने इस दौरान इंडोनेशिया के पद्म पुरस्कार विजेताओं का भी जिक्र किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे याद है इंडोनेशिया के बप्पा न्यूमन नुआर्ता को भारत ने पद्मश्री से सम्मानित किया था. उस समय भारत का राष्ट्रपति भवन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा था. कोई हिंदुस्तानी ऐसा नहीं होगा जो उनकी बनाई कलाकृति गरुड़-विष्णु केन्काना की प्रशंसा ना करता हो. इंडोनेशिया के वायनदिव्या और अगस इंद्र उदयान जी को जब पद्म सम्मान मिला था, मुझे उनके बारे में काफी कुछ जानने का मौका मिला था.
- भारत में हुए परिवर्तन से प्रवासी भारतीयों को परिचित कराते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2014 के पहले और 2014 के बाद के भारत में बहुत बड़ा फर्क Speed और Scale का है. आज भारत अभूतपूर्व Speed से काम कर रहा है, अप्रत्याशित Scale पर काम कर रहा है. पीएम ने कहा कि भारत के टैलेंट, भारत की टेक्नोलॉजी, भारत के इन्नोवेशन और भारत की इंडस्ट्री ने आज दुनिया में अपनी पहचान बनाई है.
- पीएम ने कहा कि रक्षा के क्षेत्र में भारत दशकों से आयात पर निर्भर था. लेकिन अब वह विस्तार कर रहा है और अपनी क्षमताओं को बढ़ा रहा है. ब्रह्मोस मिसाइल हो या तेजस फाइटर हमारी बढ़ती रक्षा क्षमता अब दुनिया को मंत्रमुग्ध कर रही है.
- पीएम ने कहा कि भारत के बहुत से सिंधी परिवार यहां रहते हैं. फिल्म व टीवी से जुड़े लोग यहां हैं. गुजरात से जुड़े काफी लोग यहां हैं. भारत से आए हुए इंजीनियर्स, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स इंडोनेशिया के विकास के सहयात्री बने हुए हैं. कितने ही तमिल भाषी कलाकार, यहां की संस्कृति, यहां के आर्ट्स को और समृद्ध करने में अपना योगदान दे रहे हैं.
- मोदी ने कहा कि एक समय था जब कलिंग और मेदांग जैसे सम्राज्यों के माध्यम से भारत का दर्शन भारत की संस्कृति इंडोनेशिया की धरती तक पहुंची. आज ये समय है जब भारत और इंडोनेशिनया 21वीं सदी में विकास के लिए एक दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं. इंडोनेशिया की जमीन ने भारत से आए हुए लोगों को प्यार से एक्सेप्ट किया, उन्हें अपने समाज में सम्लित किया. इसीलिए आज आप सभी इंडोनेशिया के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं.
- पीएम ने कहा कि भारत ने COVID समय के दौरान हर पहलू में आत्मनिर्भरता को अपनाया. हमने दवाओं से लेकर टीकों तक का निर्माण किया और राष्ट्रीय सीमाओं को पार कर पूरी दुनिया में उसका लाभ पहुंचा. भारत की सामर्थ्य ने कितने ही देशों के लिए सुरक्षा कवच का काम किया. अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत ने वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड का मंत्र दिया. वैश्विक स्वास्थ्य सेवा को मजबूत करने के लिए भारत ने वन अर्थ प्रोग्राम शुरू किया. जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भारत ने मिशन LiFE का समाधान दिया.
- 21वीं सदी में आज विश्व की भारत से अपेक्षाएं हैं और आशाएं हैं. भारत उन्हें भी अपनी जिम्मेदारी के रूप में देखता है. अब भारत भव्य लक्ष्य निर्धारित कर रहा है. भारत, अब उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए समर्पित रूप से काम कर रहा है. पीएम ने कहा कि संकल्प से सिद्धि का यही एकमात्र मंत्र 21वीं सदी के भारत के लिए प्रेरणा का काम करता है.
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शंभू भद्रएडिटोरियल इंचार्ज, हरिभूमि, हरियाणा
Opinion