PM Modi Visit US: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) अमेरिका की पहली राजकीय यात्रा पर गए हैं. इस दौरान वह 21 से 24 जून तक अमेरिका में रहेंगे और 72 घंटे में 10 कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे. आज दुनियाभर में योग दिवस (Yoga Day) मनाया जा रहा है, इस मौके पर पीएम मोदी 'विश्‍व पंचायत' कहे जाने वाले संयुक्‍त राष्‍ट्र (UN) जाएंगे. विदेश मंत्रालय के अनुसार, UN में मोदी आज शाम 5.30 बजे हजारों लोगों के बीच योग (Yoga) करेंगे.


बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (Yoga Day) पीएम मोदी के प्रस्‍ताव पर ही शुरू किया गया था. मोदी की अगुवाई में भारत सरकार का समर्थन पूरी दुनिया के आधे से अधिक देशों ने किया था. मोदी के प्रधानमंत्री बनने के करीब 7 महीने बाद UN में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव पास हुआ. 177 देशों ने योग (Yoga) को अंतरराष्ट्रीय बनाया. इस मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि भारत से दुश्‍मनी रखने वाला पाकिस्‍तान (Pakistan) अकेला पड़ गया था, उसका न चीन (China) ने और न ही इस्‍लामिक देशों की संस्‍था OIC ने सपोर्ट किया. पाकिस्तान के विरोध के बावजूद भारत की 'योगा डिप्लोमेसी' पर UN में मुहर लगी थी. OIC 56 इस्‍लामिक देशों का संगठन है. 




OIC के 48 मुस्लिम देशों ने भी योगा को दी मान्‍यता
योगा को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित करवाने में OIC के 56 देशों में से 48 ने भारत का साथ दिया था. इतना ही नहीं, चीन ने भी पाकिस्तान की बजाय भारत का साथ दिया था. तब ग्‍लोबल एक्‍सपर्ट्स ने इस कूटनीतिक कामयाबी को भारत की 'योगा डिप्लोमेसी' करार दिया था. विदेश मंत्रालय के पोर्टल पर बताया गया है कि 27 सितंबर 2014 को प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार UN में हर साल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग दिवस मनाए जाने की बात रखी थी. उन्‍होंने योग को जीवन के लिए जरूरी बताया. और, कहा था कि पूरी दुनिया के लोगों को हेल्‍दी रहने के लिए इस प्राचीन पद्धति को अपनाना चाहिए. फोर्ब्स के मुताबिक, मोदी के इसी भाषण से जाहिर हो गया था कि भारत अब खुलकर योग को डिप्लोमेसी के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है.


जब चीन ने UN में नहीं दिया पाकिस्‍तान का साथ
UN में जब 11 दिसंबर 2014 को भारतीय राजदूत अशोक मुखर्जी योगा का प्रस्ताव पेश किया, तो पाकिस्तान नहीं चाहता था कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव पास हो. पाकिस्‍तान को लगता था कि मुस्लिम देश सूर्य नमस्‍कार और योगा जैसी भारतीय पद्धति को स्‍वीकार नहीं करेंगे, उसे पूरा भरोसा था कि मुस्लिम देशों का संगठन OIC भी इस प्रस्‍ताव का विरोध करेगा. मगर, हैरत की बात यह है कि चीन ने इस प्रस्‍ताव का समर्थन कर दिया, जो कि UN का स्‍थाई सदस्‍य है. उसका समर्थन मिलते ही बिना वोट कराए ही भारत का यह प्रस्ताव UN में सर्वसम्मति से पास हो गया. हालांकि, यही एक मौका था जब चीन UN में भारत के खिलाफ नहीं गया, वरना उसने हर बार पाकिस्‍तान को बचाया.


..और, UN में फिर पाक के आतंकी को बचाया 
कल ही, चीन ने पाकिस्तानी आतंकी साजिद मीर के वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के भारत और अमेरिका के प्रयास में अड़ंगा लगाया है. साजिद मीर पर 50 लाख डॉलर के इनाम रखा गया था, और वह 26/11 मुंबई आतंकी हमले में वांटेड है. भारत और अमेरिका उसे वैश्विक आतंकी घोषित कराने के लिए UN में प्रस्ताव लाए थे, लेकिन चीन ने उस प्रस्ताव को वीटो करके रोक दिया.


ये भी पढ़िए:


अमेरिका की पहली राजकीय यात्रा पर गए PM मोदी, जानिए यह पिछली यात्राओं से अलग कैसे है


China Vs US India: भारत में चीन की जगह नहीं ले सकता अमेरिका... PM मोदी की यात्रा से बौखलाया ड्रैगन


PM Modi US Visit: पीएम मोदी की वाशिंगटन यात्रा भारतीय-अमेरिकी मतदाताओं के बारे में क्या बताती है?


State Dinner: क्या होता है राजकीय भोज, पीएम मोदी से पहले किस नेता को अमेरिका ने दिया ये सम्मान