वाशिंगटन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अमेरिका की टॉप कंपनियों के प्रमुखों से भारत में निवेश करने का आहवान करते हुए कहा कि भारत एक कारोबार हितैषी देश के रूप में उभर रहा है. उन्होंने कहा कि भारत के विकास में हिस्सा बनकर फायदा उठाएं, साथ ही उन्होंने देश में अगले महीने से लागू होने जा रही GST को भी कारोबार सुगमता के लिए परिवर्तन लाने वाला बताया.
अमेरिका की टॉप-21 कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (CEO) के साथ एक गोलमेज बैठक के दौरान मोदी ने रेखांकित किया कि पिछले तीन साल में एनडीए (मोदी सरकार) सरकार की नीतियों के चलते भारत ने सबसे ज्यादा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को आकर्षित किया है.
इस बैठक में एप्पल के टिम कुक, माइक्रोसॉफ्ट के सत्य नडेला, गूगल के सुंदर पिचाई, सिस्को के जॉन चैंबर्स और अमेजन के जेफ बेजोस मौजूद थे. मोदी ने उनकी सरकार के पिछले तीन साल में उठाये गये और निकट भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों के बारे में जानकारी दी.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने एक ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी के हवाले से कहा, ''सारी दुनिया भारत की ओर देख रही है. भारत सरकार ने 7000 सुधार अकेले कारोबार सुगमता और न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन के लिए किए हैं.''
बागले बैठक के दौरान ही ट्वीट कर रहे थे. उनके अनुसार मोदी ने कंपनी प्रमुखों से कहा कि भारत की वृद्धि उसके और अमेरिका दोनों के लिए फायदेमंद हैं. अमेरिकी कंपनियों के सामने इसमें योगदान देने का एक महान अवसर है.
मोदी ने कहा, ''जीएसटी को लागू किये जाने का ऐतिहासिक फैसला अमेरिका के बिजनेस स्कूलों में अध्ययन का विषय हो सकता है.'' लगभग एक घंटे लंबी चली इस बातचीत में मोदी ने कंपनी प्रमुखों की मांगों को धैर्यपूर्वक सुना. मोदी विलार्ड होटल में रूके हैं और उन्होंने यह बैठक इसी होटल में की.
इस बैठक में अन्य कंपनी प्रमुखों में एडोब के शांतनु नारायण, मास्टर कार्ड के अजय बंगा, इमरसन के डेविड फार, डेलॉइट ग्लोबल के डो मैक मिलन और पुनीत रंजन तथा अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) के अध्यक्ष मुकेश अघी भी मौजूद थे.
प्रधानमंत्री की कंपनी प्रमुखों के साथ एक ग्रुप फोटो शेयर करते हुए बागले ने कहा, ''भारत-अमेरिका आर्थिक साझेदारी को मजबूती प्रदान करते हुए.''
हाल ही में एक नीति दस्तावेज में यूसआईबीसी ने कहा था कि अमेरिका-भारत वाणिज्यिक और रणनीतिक संबंध वैश्विक सुरक्षा का समर्थन करते हैं, आर्थिक वृद्धि क प्रसार करते हैं और दोनों देशों एवं वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए रोजगार का निर्माण करते हैं.
यूएसआईबीसी ने कहा, ''आज हम वैश्विक व्यवस्था में बदलाव देख रहे हैं. दोनों देशों के सामने एक अवसर उभर कर आया है कि वे द्विपक्षीय संबंधों में नए मानकों को स्थापित करें जो उनके साझा मूल्यों को प्रतिबिंबित करेगा.''
एक अलग बयान में इंडो अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स ऑफ ग्रेटर हयूस्टन के कार्यकारी निदेशक जगदीप आहलूवालिया ने कहा कि अमेरिका और भारत परस्पर अच्छे संबंधों को शेयर करते हैं और मोदी की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ यह पहली सीधी मुलाकात दोनों देशों के बीच संबंध को और मजबूत करेगी.