Indian In Russian Army : पीएम मोदी ने हाल ही में अपनी रूस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सामने रूसी सेना में भारतीय नागरिकों का मुद्दा उठाया था. अब रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की वापसी की बातचीत शुरू हो गई है. वहीं, भारतीय युवकों के परिवार की तरफ से कुछ दावे भी किए जा रहे हैं. इंडिया टुडे ग्रुप की रिपोर्ट के मुताबिक, सेना में कार्यरत युवकों के परिवारवालों ने दावा किया है कि उनके बच्चों को जबरन भर्ती किया गया है. 23 साल के हर्ष कुमार के माता-पिता ने कहा कि पीएम के हस्तक्षेप के बावजूद रूसी सेना ने नहीं बताया कि उन्हें छुट्टी दे दी जाएगी. हम चिंतित हैं क्योंकि रूसी अधिकारी उन्हें घर वापस नहीं भेजना चाहते. 


एजेंट के जाल में फंसकर पहुंचे रूस


करनाल के रहने वाले हर्ष 23 दिसंबर 2023 को मॉस्को के लिए रवाना हुए थे, उनकी मुलाकात कैथल के 6 अन्य लोगों से हुई. वे बेलारूस में घुसने की प्लानिंग कर रहे थे, लेकिन एक एजेंट ने उन्हें हाईवे पर ही छोड़ दिया. इस दौरान पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर सेना को सौंप दिया. उन्हें कहा गया कि अगर वे रूसी सेना में शामिल हो गए तो वीजा का उल्लंघन करने पर 10 साल की जेल से बच सकते हैं. ऐसा अकेले हर्ष के साथ नहीं हुआ, बल्कि हरियाणा और पंजाब के अन्य युवाओं के साथ भी ऐसा ही हुआ है. कैथल के रवि, बलदेव, राजिंदर, साहिल, मनदीप भी नौकरी की तलाश में मॉस्को गए थे. 


24 साल के गगनदीप सिंह के पिता बलविंदर कहते हैं कि हमें खुशी है कि पीएम मोदी ने इस मुद्दे को उठाया है, लेकिन एक हफ्ते से अधिक समय हो गया है, लड़कों को अभी तक छुट्टी नहीं दी गई. गगनदीप गुरदासपुर जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने रूसी सेना में भर्ती होने के लिए 24 दिसंबर को गुरदासपुर छोड़ दिया था. 


कैथल के रवि और अमृतसर के तेजपाल सिंह की मौत हो चुकी है. साहिल गंभीर रूप से घायल हुए हैं . रवि के परिवार ने बताया कि उनका बेटा लापता है. तेजपाल सिंह अमृतसर के रहने वाले थे. विश्लेषण से पता चलता है कि जो लोग रूसी सेना में शामिल हुए, वे पहले भारतीय सेना में शामिल होना चाहते थे, लेकिन विभिन्न कारणों से असफल रहे.फिलहाल रूस में फंसे भारतीय लड़कों को वापस बुलाने के लिए भारत और रूस के बीच बातचीत चल रही है. उम्मीद है कि ये सभी वापस भारत आ जाएंगे.