सियोल: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन से सियोल में लंबी चर्चा के बाद कहा कि हम आतंकवाद के खिलाफ अपने द्विपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और समन्वय को और अधिक मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
मोदी ने बैठक के बाद कहा, ''पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद, राष्ट्रपति मून के संवेदना और समर्थन के संदेश के लिए हम उनके आभारी हैं.'' उन्होंने कहा, ''आज भारत के गृह मंत्रालय और कोरिया की राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी के बीच संपन्न हुआ एमओयू हमारे, काउंटर टेररिज्म सहयोग को और आगे बढ़ाएगा. और, अब समय आ गया है कि वैश्विक समुदाय भी बातों से आगे बढ़ कर, इस समस्या के विरोध में एकजुट हो कर कार्रवाई करें.''
मोदी ने कहा, ''हमारी बढ़ती साझेदारी में रक्षा क्षेत्र की अहम भूमिका है. इसका उदहारण भारतीय थल सेना में K-9 “वज्र" आर्टिलरी गन के शामिल होने में देखा जा सकता है. रक्षा उत्पादन में सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए हमने डिफेंस टेक्नोलॉजी और को-प्रोडक्शन पर एक रोडमैप बनाने के लिए भी सहमति की है.''
उन्होंने कहा कि आज दोपहर सियोल शांति पुरस्कार प्राप्त करना मेरे लिए बहुत बड़े सम्मान का विषय होगा. मैं यह सम्मान अपनी निजी उपलब्धियों के तौर पर नहीं बल्कि भारत की जनता के लिए कोरियाई जनता की सद्भावना और स्नेह के प्रतीक के तौर पर स्वीकार करूंगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज सियोल शांति सम्मान प्रदान किया जायेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय यात्रा पर दक्षिण कोरिया में हैं. इससे पहले मोदी मई 2015 में दक्षिण कोरिया के दौरे पर गए थे.
पीएम मोदी ने आज कोरियाई युद्ध में मारे गए सैनिकों सहित अन्य सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने कोरिया गणराज्य के राष्ट्रीय समाधि स्थल पर पुष्पचक्र अर्पित किया तथा जान गंवाने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की. यहां एक लाख 65 हजार सैनिकों के अवशेष दफन हैं.’’
सियोल राष्ट्रीय समाधिस्थल की स्थापना 1956 में हुई थी जहां कोरिया के सैनिकों को दफनाया जाता है. इसके अलावा कोरियाई स्वतंत्रता अंदोलन,कोरियाई युद्ध और वियतनाम युद्ध में मारे गए सैनिकों को भी यहां स्थान दिया जाता है.