प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन की यात्रा करके भारत वापस लौट आए हैं, लेकिन उनके इस दौरे की अब भी खूब बातें हो रही हैं. वैसे तो उनके दौरे के ऐलान से ही चर्चाएं शुरू हो गई थी क्योंकि एक तो 1992 के बाद पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन गए. दूसरा इसकी टाइमिंग. पीएम मोदी ऐसे समय पर यूक्रेन गए, जब रूस के साथ उसकी जंग चल रही है.


यूक्रेन पहुंचते ही राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने पीएम मोदी का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया. इस दौरान दोनों नेता गले मिलते और कंधे पर हाथ रखकर बात करते दिखे, लेकिन जैसे ही पीएम मोदी वापसी के लिए यूक्रेन से निकले तो जेलेंस्की ने कुछ ऐसी बातें कहीं जो भारत को असहज करने वाली थीं.


बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, 23 अगस्त को वोलोदिमीर जेलेंस्की ने एक प्रेस वार्ता में भारतीय पत्रकारों से बात की. इसमें जेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी से भारत में वैश्विक शांति सम्मेलन करने की बात कही थी क्योंकि भारत एक बड़ा देश और सबसे बड़ा लोकतंत्र है. जेलेंस्की ने आगे कहा कि लेकिन हम ऐसे देश में शांति सम्मेलन के लिए नहीं कह सकते हैं जो पहले शांति सम्मेलन में जारी हुए साझा बयान में शामिल नहीं हुआ था.


वोलोदिमीर जेलेंस्की यहां स्विटजरलैंड में यूक्रेन में शांति के लिए हुए सम्मेलन की बात कर रहे थे, जिसमें भारत ने साझा बयान से दूरी बनाई थी. सम्मेलन में भारत की तरफ से विदेश मंत्रालय के सेक्रेटरी (पश्चिम) पवन कपूर शामिल हुए थे. वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस से तेल खरीदने पर कहा कि अगर भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा तो इससे उसको कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. हालांकि, यहां जेलेंस्की ने यह भी कहा कि भारत को रूस के लिए अपना रुख बदलना चाहिए, अगर वो ऐसा करेगा तो युद्ध रुक जाएगा. उन्होंने कहा कि कई देशों ने रूस से आयात बंद कर दिया पर भारत ने नहीं किया है. 


इस दौरान जब जेलेंस्की से भारत और चीन को लेकर सवाल किए गए तो उन्होंने कहा, 'अगर व्लादिमीर पुतिन की हरकतों को जायज ठहराया जा सकता है तो मुझे यकीन है कि दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी इसके अंजाम सीमा नियमों के उल्लंघन के तौर पर देखने को मिलेंगे.'


संयुक्त राष्ट्र में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर लाए गए प्रस्तावों से दूरी बनाए रखने के भारत के रुख को लेकेर जेलेंस्की ने कहा कि वह इस बात से खुश नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अब प्रस्तावों से पहले बात करनी होगी क्योंकि ये अतीत में जाने का वक्त नहीं है. उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि भारत यूक्रेन के साथ रहे.


यह भी पढ़ें:-
मलेशिया के पूर्व पीएम मुहीद्दीन पर लगा राजद्रोह का आरोप, भाषण के दौरान पूर्व राजा का उड़ाया था मजाक