बीजिंग: चीन के सरकारी मीडिया ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ बैठक के बाद दोनों देशों के संबंधों ने नई उंचाइयां छुईं और इससे कई 'सकारात्मक नतीजे' आए.
मोदी की अमेरिकी यात्रा को लेकर सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के एक समाचार विश्लेषण लेख में कहा गया कि ट्रम्प के जनवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद से यह किसी राष्ट्र प्रमुख के साथ ट्रम्प का पहला वर्किंग डिनर था.
इसमें कहा गया कि ट्रम्प, जिन्होंने कहा कि वह भारत के 'सच्चे दोस्त' हैं, ने पूर्ववर्ती बराक ओबामा के शासनकाल में गहराए उन संबंधों को और मजबूत किया जिनके लिए उससे पहले जॉर्ज डब्ल्यू बुश एवं बिल क्लिंटन ने योगदान दिया था.
लेख के अनुसार, 'इस दौरे को विशेषज्ञ इस बात को ध्यान में रखकर शानदार बता रहे हैं कि राष्ट्रपति ट्रम्प के जलवायु परिवर्तन से संबंधित पेरिस समझौते से पीछे हटने के साथ भारत पर समझौते के कायार्न्वयन के बदले पैसे मांगने का आरोप लगाने के बाद दोनों देशों के बीच विवाद हुआ था.'
इसमें कहा गया कि दोनों नेताओं ने आतंकवाद को लेकर मजबूत सहयोग सुनिश्चित करने का प्रण लिया. ट्रम्प ने साथ ही पाकिस्तान को संदेश भी दिया कि वह '26/11 के मुंबई हमले, पठानकोट एवं पाकिस्तान स्थित समूहों द्वारा किए गए दूसरे सीमा पार आतंकी हमलों के गुनहगारों को तेजी से सजा दे.'