तोक्यो: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने जापानी समकक्ष शिंजो आबे के साथ 13वीं भारत-जापान वार्षिक शिखर वार्ता संपन्न कर सोमवार को भारत पहुंच गए हैं. इस शिखर वार्ता के दौरान द्विपक्षीय हितों, भारत-प्रशांत की स्थिति पर चर्चा और दोनों देशों ने कई समझौतों पर हस्ताक्षर भी किए.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जापान की लाभकारी यात्रा के बाद दिल्ली के लिए रवाना हो गए. इस यात्रा पर द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने तथा सहयोग के लिए नई संभावनाओं के मार्ग खोलने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया गया. मोदी शनिवार रात जापान पहुंचे थे.
आइए आपको बताते हैं इस दौरे से जुड़ी हर एक बात-
मोदी-आबे शिखर वार्ता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे की सोमवार को हुई शिखर वार्ता के बाद भारत और जापान ने एक हाई स्पीड रेल परियोजना और नौसेना सहयोग समेत छह समझौतों पर हस्ताक्षर किये और टू प्लस टू वार्ता करने पर सहमति जताई. शिखर वार्ता में दोनों ने भारत-प्रशांत क्षेत्र के हालात समेत कई द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की.
दोनों प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों में विकास की समीक्षा की और सहयोग के नए क्षेत्रों पर भी बात की. उन्होंने भारत-प्रशांत में शांति और समृद्धि के साझा दृष्टिकोण पर भी ध्यान केंद्रित किया जहां चीन अपनी शक्ति दिखा रहा है. दोनों नेताओं ने सहमति जताई कि भारत और जापान को एक व्यवस्था आधारित और समावेशी वैश्विक व्यवस्था के लिए मिलकर काम करना चाहिए.
उन्होंने दोनों देशों के विदेश मंत्रियों और रक्षा मंत्रियों के बीच टू प्लस टू वार्ता करने पर सहमति जताई. भारत का इस तरह का अमेरिका से समझौता है और दोनों ने पिछले महीने नई दिल्ली में टू प्लस टू वार्ता का पहला दौर आयोजित किया था. प्रधानमंत्री मोदी ने वार्ता के बाद कहा, ‘‘हम दोनों ने इस बात पर सहमति जताई कि डिजिटल साझेदारी से लेकर साइबर क्षेत्र, स्वास्थ्य, रक्षा, समुद्र से अंतरिक्ष तक, हर क्षेत्र में हम अपनी भागीदारी को मजबूत करेंगे.’’
दोनों नेताओं ने मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना में हुई प्रगति की समीक्षा की जो भारत-जापान सहयोग का महत्वपूर्ण प्रतीक है. दोनों पक्षों ने परियोजना के लिए ऋण पर एक सहमति जताई. उन्होंने मेट्रो परियोजनाओं पर सतत सहयोग का स्वागत किया. दोनों पक्षों ने भारतीय नौसेना और जापान मैरीटाइम सेल्फ-डिफेंस फोर्स (जेएमएसडीएफ) के बीच सहयोग गहन करने के लिहाज से भी एक समझौता किया.
औपचारिक शिखर वार्ता से पहले ही दोनों प्रधानमंत्रियों ने खूबसूरत प्रशासनिक प्रांत यामानाशी में माउंट फुजी के पास एक आलीशान रिसार्ट में करीब आठ घंटे साथ-साथ बिताए थे. इस दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों पर और द्विपक्षीय संबंध के रणनीतिक आयाम को और गहरा करने पर चर्चा हुई. शनिवार को जपान पहुंचे मोदी को प्रधानमंत्री आबे के सरकारी आवास कांतेई में पहुंचने पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. मोदी प्रधानमंत्री के रूप में पहली बार सितंबर 2014 में जापान गये थे. तब से आबे के साथ उनकी यह 12वीं मुलाकात है.
मोदी-आबे की मांग: पठानकोट के अपराधियों को सजा दे पाक
पीएम मोदी के इस जापान दौरे के दौरान और आबे ने उनके साथ मिलकर सोमवार को पाकिस्तान से कहा कि वो मुंबई और पठानकोट आतंकवादी हमलों के अपराधियों को इंसाफ के कठघरे में लाए. दोनों नेताओं ने यहां अपने औपचारिक शिखर सम्मेलन में आतंकवाद के बढ़ते खतरों और उसकी वैश्विक पहुंच पर गहरी चिंता जताई. दोनों नेताओं के बीच दो दिन चली शिखर वार्ता के बाद जारी ‘भारत-जापान दृष्टि बयान’ के अनुसार, ‘‘उन्होंने नवंबर 2008 में मुंबई में और जनवरी 2016 में पठानकोट में हुए हमले समेत आतंकवादी हमलों के अपराधियों को इंसाफ के कठघरे तक लाने का पाकिस्तान का आह्वान किया.’’
दोनों नेताओं ने आतंकवादियों की पनाहगाहों, बुनियादी ढांचा नष्ट करने, आतंकवादी नेटवर्क और वित्तपोषण के चैनल तोड़ने और आतंकवादियों के सरहद पार आवागमन रोकने का सभी देशों का आह्वान किया. मोदी और आबे ने परमाणु हथियारों को पूरी तरह खत्म करने और परमाणु प्रसार एवं परमाणु आतंकवाद की चुनौतियों से निबटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग मजबूत करने के कार्य के लिए प्रतिबद्ध रहने की वचनबद्धता दोहराई.
मोदी-आबे ने रोबोट कंपनी का दौरा किया
मोदी और आबे ने रविवार को जापान की रोबॉट और ऑटोमेशन (स्वचालन) की क्षमता वाली एक कंपनी का दौरा किया. दोनों प्रधानमंत्रियों ने फानुक औद्योगिक केंद्र का दौरा किया, जिसकी ऑटोमेशन (स्वचालन) में विशेषज्ञता है. भारतीय प्रधानमंत्री को फानुक के रोबोट और ऑटोमेशन संबंधी क्षमताओं की जानकारी दी गई. दोनों प्रधानमंत्रियों ने औद्योगिक रोबोट के कार्यो को देखा. कार एसेंबली केंद्र पर उन्होंने रोबोट द्वारा 40 सेकेंड में एक कार को एसेंबल करते हुए देखा.
फानुक, जापान और दूसरे देशों सहित भारत में विनिर्माण उद्योग में योगदान देता है. यह विनिर्माण में ऑटोमेशन और दक्षता को बढ़ावा देता है. बाद में विशेष रूप से आबे ने मोदी के लिए यामानाशी में अपने विला में निजी रात्रिभोज की मेजबानी की. शिखर सम्मेलन के लिए मोदी का जापान का यह तीसरा दौरा है, और 2014 से आबे के साथ यह 12वीं मुलाकात है. आपको बता दें कि भारत अकेला देश है, जिसके साथ जापान वार्षिक द्विपक्षीय शिखर बैठक आयोजित करता है.
जापानी कारोबारियों को भारत में निवेश का निमंत्रण
मोदी ने सोमवार को जापान के कारोबारियों को भारत में अधिक से अधिक निवेश करने के लिए आमंत्रित किया. मोदी ने व्यापार मंच शिखर सम्मेलन में कारोबारियों से बातचीत के दौरान कहा, "मैं हमेशा 'मजबूत भारत मजबूत जापान' के बारे में बात करता हूं. इस मौके पर जापानी व्यापारियों के भारत में विश्वास दिखाने के लिए मैं उनके प्रति आभार प्रकट करता हूं. मैं आप सभी को निवेश प्रक्रिया को तेज करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने के लिए आमंत्रित करता हूं."
प्रधानमंत्री ने भारत में विनिर्माण की कम कीमत को व्यापार के लिए सबसे प्रमुख फायदा बताया. व्यापार में आसानी को लेकर अपनी सरकार के प्रयासों के बारे में उन्होंने कहा, "भारत ने अपने 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की व्यापार करने में आसानी के आधार पर रैंकिंग करनी शुरू की है. इसके परिणामस्वरूप उनमें निवेश के लिए एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा शुरू हुई है."
औद्योगिक प्रगति पर मोदी ने कहा कि भारत कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), इंटरनेट ऑफ थिग्स (आईओटी) और 3डी प्रिंटिंग व रोबोटिक्स जैसी प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में खोज की वजह से तेजी से 'इंडस्ट्री 4.0' की तरफ बढ़ रहा है. अपनी सरकार के बीते चार सालों की उपलब्धियां गिनाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत लगातार 'भारतीय समाधान-वैश्विक उपयोग' की भावना के साथ काम कर रहा है.
मोदी ने कहा, "कुछ साल पहले मैंने भारत में एक मिनी जापान बनाने की बात कही थी. यह मेरे लिए बहुत खुशी की बात है कि आज आप बड़ी संख्या में भारत में काम कर रहे हैं." मोदी ने कहा, "जापान के भारत के साथ सहयोग की वजह से हमारी दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा परियोजना आगे बढ़ रही है."
मोदी ने कहा कि 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स व ऑटोमोबाइल विनिर्माण में एक वैश्विक केंद्र बना रहा है. मोदी ने कहा, "मैंने हमेशा से व्यापार करने में सहजता को अपनी प्राथमिकता में रखा है. जब हमने 2014 में सरकार की जिम्मेदारी संभाली थी तो विश्व बैंक ने भारत को व्यापार करने में सहजता की रैंकिंग में 140वां स्थान दिया था. अब भारत 100वें स्थान पर पहुंच चुका है और हम बेहतर रैंकिंग बनाने के लिए काम कर रहे हैं."
मोदी ने न्यू इंडिया के निर्माण में स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने में जापानी योगदान पर बल दिया. उन्होंने कहा कि भारत और जापान के बीच इलेक्ट्रिक गतिशीलता क्षेत्र में समन्वय से दोनों देशों को फायदा होगा.
2+2 वार्ता शुरू करेंगे भारत-जापान
मोदी ने कहा कि विश्व में शांति और स्थिरता के लिए भारत और जापान अपने संबंधित विदेश और रक्षा मंत्रियों को शामिल कर टू प्लस टू मंत्रीस्तरीय वार्ता शुरू करेंगे. आबे के साथ मोदी ने कहा, "भारत और जापान के बीच बिना सहयोग के, 21वीं सदी एशियाई सदी नहीं हो सकती." उन्होंने कहा, "आबे-सान और मैंने हमारे विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच 2 प्लस 2 वार्ता की सहमति जताई है."
मोदी ने कहा, "इसका उद्देश्य विश्व में शांति और स्थिरता को बढ़ाना है." भारत ने इसी तरह की वार्ता पिछले महीने अमेरिका के साथ की थी, जिसके अंतर्गत विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अमेरिकी समकक्षों माइक पोम्पियो ओर रक्षा मंत्री जिम मैटिस से वार्ता की थी. जापान को पूर्वी और पश्चिमी सभ्यताओं के बेहतरीन पहलुओं का संगम बताते हुए मोदी ने कहा कि इस देश ने सिखाया है कि मानव जाति के विकास का रास्ता नए और प्राचीन के बीच संघर्ष नहीं है, बल्कि यह सह-अस्तित्व और सृजन है.
उन्होंने कहा, "भारत और जापान के बीच संबंध हिंद व प्रशांत महासागर जितना गहरा और बड़ा है. ये संबंध लोकतांत्रिक मूल्यों और कानून के शासन की स्वतंत्रता की साझा प्रतिबद्धताओं पर आधारित है." मोदी ने कहा कि वह और आबे इस बात पर सहमत हुए हैं कि डिजिटल साझेदारी से साइबरस्पेस तक, स्वास्थ्य से रक्षा तक और समुद्र से अंतरिक्ष तक के क्षेत्र में दोनों देश अपनी साझेदारी बढ़ाएंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा, "मुझे बताया गया है कि जापानी निवेशकों ने आज घोषणा की है कि वे भारत में 2.5 अरब डॉलर का निवेश करेंगे. यह रोजगार निर्माण में मदद करेगा." आबे ने कहा कि दोनों देशों के नौसेनिक बलों के बीच सहयोग बढ़ाया जाएगा. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए जापान और भारत, बांग्लादेश जैसे तीसरे देशों के साथ काम करेंगे. वार्ता के बाद दोनों देशों के बीच नौसेना के बीच सहयोग बढ़ाने और स्वास्थ्य सेवा, डिजिटल एवं नवीन प्रौद्योगिकी और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में समझौतों पर दस्तखत हुए.
NSG में भारत की सदस्यता को जापान का समर्थन
जापान ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता हासिल करने की भारत की कोशिश का सोमवार को समर्थन किया. आपको बता दें कि चीन इसके ख़िलाफ़ है. मोदी और आबे ने अपनी शिखरस्तर वार्ता के दौरान संयुक्त राष्ट्र में ‘अविलंब और सार्थक’ सुधार पर जोर दिया. वार्ता के बाद जारी भारत-जापान साझा विचार पत्र में कहा गया है, ‘‘तीन अंतरराष्ट्रीय निर्यात तंत्रों में भारत की पूर्ण सदस्यता के बाद दोनों नेताओं ने वैश्विक अप्रसार परमाणु प्रयासों को मजबूत करने के लक्ष्य के साथ आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया.’’
भारत पहले से ही ऑस्ट्रेलिया ग्रुप, वासेनार व्यवस्था और मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था का सदस्य है. इस पत्र में कहा गया है, ‘‘भारत और जापान 21 वीं सदी की समसामयिक हकीकतों को ध्यान में रखकर संयुक्त राष्ट्र खासकर सुरक्षा परिषद को और वैध, प्रभावी और प्रतिनिधिक बनाने के लिए उसमें अविलंब और सार्थक सुधार की मांग करते हैं.’’ भारत, जापान, ब्राजील और जर्मनी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट पाने में एक दूसरे के प्रयासों का समर्थन करने के लिए जी4 समूह बनायी है.
चीन एनएसजी में भारत के प्रवेश की कोशिश का इस आधार पर जोरदार विरोध कर रह है कि भारत परमाणु अप्रसार संधि का हस्ताक्षरकर्ता नहीं है. उसके विरोध के चलते इस समूह में भारत का प्रवेश मुश्किल हो गया है क्योंकि एनएसजी सहमति के आधार पर काम करता है.
75 अरब डॉलर की जापानी सहायता का भरोसा
भारत और जापान ने सोमवार को आपस में 75 अरब डॉलर के बराबर विदेशी मुद्रा की अदला-बदली की व्यवस्था का करार किया. यह सबसे बड़े द्विपक्षीय मुद्रा अदला-बदली व्यवस्था समझौतों में से एक है. जापान के साथ इस तरह की सुविधा से रुपये की विनिमय दर और पूंजी बाजारों में बड़ी स्थिरता बनाए रखने में मदद मिलेगी. इस समझौते से दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग और प्रगाढ़ होगा तथा इसमें विविधता बढ़ेगी.
संयुक्त बयान में कहा गया है, ‘‘भारत ने मेक इन इंडिया, कौशल भारत और स्वच्छ भारत मिशन जैसी रूपांतरणकारी पहल में जापान के मजबूत समर्थन का स्वागत किया...’’ दोनों नेताओं ने येन में कर्ज के लिये दस्तावेज के अदाल-प्रदान, मुंबई-अहमदाबाद उच्च गति की रेल समेत विभिन्न परियोजनाओं में प्रगति की समीक्षा की और संतोष जताया.
मोदी ने आबे को दिया प्रस्तर पात्र
मोदी ने आबे को उपहार के रूप में भारतीय दस्तकारी से निर्मित प्रस्तर पात्र और दरी भेंट की. पात्र का निर्माण राजस्थान से प्राप्त गुलाबी और पीले रंग के क्वार्ज पत्थर से किया गया है. गुजरात स्थित खंभात के मशहूर शिल्पकार शाबिर हुसैन इब्राहिम भाई शेख ने इसे सुघड़ रूप प्रदान किया है. वहीं, हाथ से बुनी गई दरी उत्तर प्रदेश स्थित मिर्जापुर के बुनकरों ने तैयार की है. दरी में आसमानी नीला और लाल दो विशिष्ट रंगों की धारियां उपयोग किया गया है.
इसके अलावा इसमें हल्दी रंग के पीले रंग के डिजाइन हैं. मोदी ने इसके साथ ही परंपरागत काम किया हुआ जोधपुरी लकड़ी का संदूक भी उपहार में दिया. प्रस्तर पात्र और दरी का निर्माण अहमदाबाद स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन की देखरेख में किया गया है.